/financial-express-hindi/media/post_banners/2PpJyJY4GWcXeMhrwm09.jpg)
The newly-formed committee will provide strategic guidance and oversight to the company's progress on ESG targets, initiatives and best practices, Airtel said in a statement.
टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) डेटा सेंटर के अपने नए कारोबार में 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी. यह निवेश अगले तीन से चार वर्षों के दौरान किया जाएगा, जिससे कंपनी के डेटा सेंटर की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी. इसके अलावा एयरेटल Nxtra के जरिए भी डेटा सेंटर की क्षमता को बढ़ाएगी. Nxtra एयरटेल की एक इकाई है जिसका मुख्य फोकस डेटा सेंटर बिजनस पर है. एयरटेल का मानना है कि आने वाले चार वर्षों में डेटा सेंटर का कारोबार 4 बिलियन डॉलर यानी करीब 29.7 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा. Nxtra अभी देश भर में 10 बड़े और 120 ऐज (edge) डेटा सेंटर संचालित करती है.
कंपनी का कहना है कि देश की तेजी से बढ़ रही डिजिटल इकोनॉमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए डेटा सेंटर बिजनस को बढ़ाने की योजना है. दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वर्ष 2025 तक 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इसके तहत देश के प्रमुख मेट्रो शहरों में नए डेटा सेंटर पार्क भी शुरू किए जाएंगे. इस निवेश से Nxtra by Airtel की क्षमता 400 मेगावॉट से अधिक हो जाएगी.
Stock Tips: इन दो स्टॉक्स में शानदार मुनाफे का गोल्डेन चांस, निफ्टी के लिए 17800 का लेवल है अहम
भारत ही नहीं, पड़ोसी देशों की डिमांड भी पूरी करेगी कंपनी
एयरटेल के इस प्रस्तावित निवेश के जरिए 7 नए हाइपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस भी तैयार होंगे. कंपनी की क्षमता में विस्तार से सिर्फ भारतीय बाजार की बढ़ती मांग ही पूरी नहीं होगी, बल्कि इससे बांग्लादेश, नेपाल जैसे कई पड़ोसी देशों की मांग को भी पूरा किया जा सकेगा. एयरटेल के मुताबिक डेटा सेंटर की मांग बढ़ाने में क्लाउड अडॉप्शन, बढ़ती अर्थव्यवस्था व इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल, सरकारी नीतियां और 5जी तकनीक प्रमुख कारक हैं.
आने वाले वर्षों में भारत बन सकता है डेटा हब
एयरटेल बिजनस के निदेशक और सीईओ अजय चिटकारा (Ajay Chitkara) के मुताबिक भारत आने वाले वर्षों में डेटा हब बन सकता है और सार्क देशों से भारत में काम मिल सकता है यानी सार्क देशों से वर्कलोड भारत की तरफ बढ़ सकता है. डेटा सेंटर्स में बहुत ऊर्जा की खपत होती है जिसके चलते एयरटेल का मानना है कि छोटे एशियाई देश भारत की तरफ वर्कलोड शिफ्ट कर सकते हैं. एयरटेल के पास पहले से ही अन्य एशियाई देशों के ग्राहक हैं. कॉर्बन उत्सजर्न को कम से कम करने के लिए एयरटेल अपनी 50 फीसदी इकाइयों को ग्रीन पॉवर से चलाने की योजना बना रही है.
(आर्टिकल: क्षितिज भार्गव)