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Tata Vs Mistry: टाटा संस को राहत! SC ने सायरस मिस्त्री को दोबारा बहाल करने के NCLAT के आदेश पर लगाई रोक

NCLAT ने ​सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

NCLAT ने ​सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

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Big relief for Tata Sons Supreme Court stayes NCLAT order restoring Cyrus Mistry as executive chairman of Tata group

NCLAT ने ​सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

Big relief for Tata Sons Supreme Court stayes NCLAT order restoring Cyrus Mistry as executive chairman of Tata group NCLAT ने ​सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

Tata Vs Mistry: सुप्रीम कोर्ट से टाटा संस (Tata Sons) को बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को दोबारा टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद पर बहाल करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के फैसले पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस बीआर गवई व सूर्य कांत की पीठ एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ टाटा संस की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई. पीठ ने मिस्त्री व अन्य को नोटिस भी जारी किया.

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टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) ने एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले को चुनौती दी है. एनसीएलएटी ने सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मिस्टी को बड़ी राहत देते हुए सायरस मिस्त्री को TSPL के कार्यकारी चेयरमैन पद पर दोबारा बहाल करने का आदेश दिया गया था. ट्रिब्यूनल ने टाटा संस के प्रमुख के तौर पर एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को भी अवैध ठहराया था. 110 अरब डॉलर का टाटा ग्रुप साल्ट से सॉफ्टवेयर तक के कारोबार में जुड़ा हुआ है.

दरअसल, सायरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने को चुनौती दी थी. एनसीएलएटी ने मिस्त्री को राहत देते हुए उनकी टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर दोबारा बहाली का आदेश दिया था. हालांकि, ट्रिब्यूनल ने टाटा संस को फैसले के खिलाफ अपील के लिए 4 हफ्ते का समय दिया था. तब तक आदेश की अनुपालना पर रोक रहेगी.

बता दें, टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में उनके पद से हटा दिया गया था. वह टाटा संस के 6वें चेयरमैन नियुक्त हुए थे. रतन टाटा की तरफ से रिटायरमेंट की घोषणा के बाद 2012 में सायरस मिस्त्री ने समूह के चेयरमैन का पद संभाला था.

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टाटा संस में मिस्त्री परिवार की 18.4% हिस्सेदारी

टाटा संस में मिस्त्री परिवार की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है. सायरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप से ​हटाए जाने के फैसले के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में (NCLT) में अपील की थी. मिस्त्री परिवार की कंपनियां सायरस इन्वेस्टमेंट्स और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट्स की ओर से रतन टाटा समेत टाटा संस और 20 अन्य के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का केस किया गया. हालांकि, मार्च 2017 में ट्रिब्यूनल ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि वह ऐसे आरोप लगाने के लिए पात्र नहीं थे.

कंपनी कानून 2013 की धारा 244 के तहत यदि किसी शेयरहोल्डर के पास जारी शेयर कैपिटल का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है तो वह कंपनी के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का मुकदमा फाइल कर सकता है

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