scorecardresearch

सायरस मिस्त्री 3 साल बाद Tata Sons के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल, कंपनी प्रबंधन को NCLAT से झटका

NCLAT ने टाटा संस के चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) की नियुक्ति को भी अवैध करार दिया.

NCLAT ने टाटा संस के चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) की नियुक्ति को भी अवैध करार दिया.

author-image
FE Online
New Update
NCLAT restores Cyrus Mistry as Executive Chairman of Tata Group holds N Chandrasekaran appointment illegal

NCLAT restores Cyrus Mistry as Executive Chairman of Tata Group holds N Chandrasekaran appointment illegal NCLAT ने टाटा संस के चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) की नियुक्ति को भी अवैध करार दिया.

टाटा ग्रुप (Tata Group) प्रबंधन को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से तगड़ा झटका लगा है. NCLAT ने बुधवार को सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें टाटा ग्रुप के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया. अलीपेट ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री की बर्खास्तगी को गलत बताया है. इसके साथ ही NCLAT ने टाटा संस के चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) की नियुक्ति को भी अवैध करार दिया. चंद्रशेखरन की फरवरी 2017 में टाटा संस के चेयरमैन पर नियुक्ति की गई थी. टाटा ग्रुप से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में मुकदमा हारने के बाद सायरस मिस्त्री ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की थी. सुनवाई के बाद अपीलेट ट्रिब्यूनल ने इस साल जुलाई में फैसला सुरक्षित रखा था.

Advertisment

मिस्त्री ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने को चुनौती दी थी. टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में उनके पद से हटा दिया गया था. वह टाटा संस के 6वें चेयरमैन नियुक्त हुए थे. रतन टाटा की तरफ से रिटायरमेंट की घोषणा के बाद 2012 में सायरस मिस्त्री ने समूह के चेयरमैन का पद संभाला था. हालांकि, NCLAT ने फैसले के खिलाफ अपील के लिए टाटा संस को चार हफ्ते का ​समय दिया है. तबतक अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को लागू करने पर रोक रहेगी.

टाटा संस पब्लिक फर्म ही रहेगी!

निचली अदालत के फैसले को दरकिनार करते हुए NCLAT ने टाटा संस को पब्लिक फर्म से प्राइवेट कंपनी में तब्दील करने को भी खारिज कर दिया है. देश की अरबपतियों में शामिल शापूरजी पालोनजी परिवार के सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. इसके बाद मिस्त्री को टाटा संस बोर्ड के डायरेक्टर से भी हटा दिया गया था.

रतन टाटा समेत अन्य के खिलाफ किया केस

टाटा संस में मिस्त्री परिवार की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है. सायरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप से ​हटाए जाने के फैसले के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में (NCLT) में अपील की थी. मिस्त्री परिवार की कंपनियां सायरस इन्वेस्टमेंट्स और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट्स की ओर से रतन टाटा समेत टाटा संस और 20 अन्य के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का केस किया गया. हालांकि, मार्च 2017 में ट्रिब्यूनल ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि वह ऐसे आरोप लगाने के लिए पात्र नहीं थे.

कंपनी कानून 2013 की धारा 244 के तहत यदि किसी शेयरहोल्डर के पास जारी शेयर कैपिटल का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है तो वह कंपनी के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का मुकदमा फाइल कर सकता है.

टाटा समूह के शेयरों में 4% तक की गिरावट

NCLAT के फैसले के बाद टाटा समूह के शेयरों में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. बीएसई पर टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के शेयरों में 4.14 फीसदी, टाटा कॉफी में 3.88 फीसदी और टाटा मोटर्स में 3.05 फीसदी की गिरावट जर्द की गई. बीएसई सेंसेक्स में टाटा मोटर्स टॉप लूजर रहा. वहीं, इंडियन होटल्स कंपनी में 2.48 फीसदी टाटा केमिकल्स में 1.65 फीसदी, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन 1.22 फीसदी और टाटा पावर कंपनी में 0.98 फीसदी की गिरावट रही. हालांकि, TCS के शेयरों में 0.07 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की गई.

Cyrus Mistry Tata Sons Ratan Tata