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सरकार ने एअर इंडिया (Air India) में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए कंपनियों से सूचना जारी की है.
सरकार ने एअर इंडिया (Air India) में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए कंपनियों से सूचना जारी की है.सरकारी एयरलाइंस एअर इंडिया (Air India) के लिए बोली लगाने वालों की लिस्ट में अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) का नाम सामने आ रहा है. मौजूदा घटनाक्रम से ऐसा लग रहा है कि अडानी समूह (Adani Group) सरकारी एयरलाइंस की नीलामी में शामिल हो सकता है. सूत्रों के अनुसार, उद्योगपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाला अडाणी समूह एअर इंडिया खरीदने के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा है. अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले कंपनी एअर इंडिया के नीलामी दस्तावेज देख रही है. सरकार ने एअर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए कंपनियों से आरंभिक सूचना जारी की है.
सरकार ने मुख्य विमानन कंपनी के साथ-साथ सस्ती विमान सेवा देने वाली उसकी अनुषंगी की पूरी और मेन्टेनेंस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का भी प्रस्ताव किया है. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अडाणी समूह का विलय एवं अधिग्रहण विभाग एअर इंडिया के बोली दस्तावेजों की समीक्षा कर रहा है. कंपनी की ओर से इसमें शुरुआती तौर पर रुचि ली जा रही है. हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि बोली लगाने का निर्णय जांच-परख के लिए जाएगा.
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टाटा, हिंदुजा, इंडिगो से मिलेगी चुनौती
यदि अडाणी समूह एअर इंडिया के लिए बोली लगाता है तो उसका मुकाबला टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो और न्यूयॉर्क की इंटरप्स से होगा. इन सभी कंपनियों के अलगे माह 17 मार्च की अंतिम तिथि तक इस संबंध में अपने रुचि पत्र जमा करने की उम्मीद है. इस खबर पर टिप्पणी करने के लिए अडाणी समूह के प्रवक्ता उपलब्ध नहीं हो सके.
पिछले कई साल से घाटे में Air India
सूत्रों का कहना है कि अडाणी एअर इंडिया और उसके एयरपोर्ट परिचालन में तालमेल देख रही है. पिछले साल उसने छह एयरपोर्ट अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर के परिचालन की बोली जीती थी. अडाणी के लिए एअर इंडिया की बोली लगाने में निर्णायक फैक्टर उसका कर्ज और घाटा होगा. एअर इंडिया के खरीददार को 23,286.7 करोड़ रुपये का फिक्स्ड कर्ज और इसके साथ कुछ​ निश्चित देनदारियां चुकानी होंगी. पिछले कुछ सालों से यह कंपनी घाटे में चल रही है.
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