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The previous weekly record of investment inflows was in February this year with inflows worth $640 million. (Image: Reuters)
दुनिया भर में BitCoin के प्रति निवेशकों का क्रेज अभी भी बना हुआ है लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें आ रही गिरावट से वे अपने निवेश को लेकर सशंकित हुए हैं. इस साल के मध्य अप्रैल में 65 हजार डॉलर के रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंचने के बाद से इसमें गिरावट जारी है. पिछले कुछ समय में दुनिया के टॉप अमीरों में शामिल Elon Musk के खास एलान और चीन के नियामकीय फैसले से इसमें जबरदस्त गिरावट आई. Coindesk के मुताबिक बिटक्वाइन के भाव इस समय 36,426.86 डॉलर (26.6 लाख रुपये) हैं जो कि रिकॉर्ड भाव 64,829 डॉलर (47.23 लाख रुपये) से करीब 44 फीसदी सस्ता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जिन कारणों से बिटक्वाइन में गिरावट आ रही है, वे बने रहे तो इसके भाव में अधिक तेजी की उम्मीद कम है.
इन कारणों से लुढ़के Bitcoin के भाव
- इस महीने की शुरुआत में दिग्गज कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपनी कंपनी के कार खरीदने के लिए ग्राहकों को बिटक्वाइन के जरिए पेमेंट का विकल्प खत्म कर दिया. मस्क ने यह फैसला पर्यावरण से जुड़ी चिंता को देखते हुए लिया था. मस्क के ट्वीट के बाद ही बिटक्वाइन के भाव 17 फीसदी तक गिर गए थे और इसके भाव 46 हजार डॉलर से कम हो गए थे.
- कुछ दिनों पहले मस्क ने सुझाव दिया था कि टेस्ला अपनी बिटक्वाइन होल्डिंग्स को खत्म कर सकता है यानी बिटक्वाइन में निवेश नहीं रखेगा. इस साल की शुरुआत में टेस्ला ने 150 करोड़ डॉलर (10,968 करोड़ रुपये) का निवेश किया था जिसमें से 10 फीसदी की टेस्ला बिक्री कर चुका है.
- राउटर्स की खबर के मुताबिक चीन ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस को प्रतिबंधित कर दिया है. अब चीन में बैंकऔर ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है और निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग के खिलाफ चेतावनी दी है. इस प्रतिबंध के तहत अब चीन में क्रिप्टोकरेंसीज के रजिस्ट्रेशन, ट्रेडिंग और क्लीयरिंग व सेटलमेंट्स जैसी सेवाओं पर रोक लग गई है.
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बिटक्वाइन से रिटर्न को लेकर ये है चिंताएं
- एलन मस्क ने जिस वजह से बिटक्वाइन में पेमेंट लेने से मना किया है, उसके चलते निवेशकों के मन में चिंता बढ़ी है. कैम्ब्रिज बिटकॉइन इलेक्ट्रिसिटी कंजम्पशन इंडेक्स (CBECI) द्वारा जारी आंक़ड़ों के मुताबिक इसकी माइनिंग में हर घंटे जितनी बिजली की खपत होती है, उससे कम खपत दुनिया के 75 फीसदी देश अपने यहां प्रति घंटे करते हैं. मस्क ने इसी डेटा से जुड़े चार्ट का हवाला देते हुए इसमें पेमेंट लेने से मना किया था. डच बैंक के एनालिस्ट्स के मुताबिक अगर बिटक्वाइन कोई देश होता तो हर साल स्विटरलैंड जैसे देश के बराबर एनर्जी खर्च करता और एनर्जी इस्तेमाल करने के मामलें में 27वें स्थान पर होता. चूंकिं दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंता बढ़ रही हैं, ऐसे में समझा जा रहा है कि अगर मस्क की तरह अन्य कंपनियों ने इसमें पेमेंट से हाथ खींचे तो यह और गिर सकता है.
- चीन में बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस को प्रतिबंधित कर दिया गया है और निवेशकों को इसके खिलाफ चेतावनी दी गई है. कुछ अनुमानों के मुताबिक चीन में माइनिंग बहुत बड़ा बिजनेस है और दुनिया भर में क्रिप्टो सप्लाई का 70 फीसदी चीन में माइन होता है. ऐसे में चीन में इस पर प्रतिबंध लगने की स्थिति में निवेशकों के मन में आशंका बनी हुई है.
- इसी प्रकार भारत में भी स्थिति है. हालांकि अभी यहां इससे जुड़ा कोई नियमन नहीं है. हालांकि आरबीआई पहले ही इसे लेकर अपनी स्थिति साफ कर चुका है और मनी लांड्रिंग व टेरर फाइनेंसिंग जैसी चिंताओं को लेकर इसे प्रतिबंधित करने के लिए अधिसूचना भी जारी कर चुका था जिसे पिछले साल सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दिया. अब केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल लाने वाली है जिसमें आरबीआई के क्रिप्टो को छोड़कर अन्य निजी क्रिप्टो को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा लेकिन यह बिल कब तक आएगा, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
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एक्सपर्ट ने दी निवेश से दूर रहने की सलाह
ब्लूमबर्ग बिटक्वाइन एनालिस्ट्स ने जब बिटक्वाइन के भाव 54 हजार डॉलर के करीब थे तो दावा किया था कि इसकी कीमत 4 लाख डॉलर तक पहुंच सकती है. एनालिस्ट्स ने 2013 और 2017 में इसके भाव में आई तेजी के आधार पर यह अनुमान लगाया था. ब्लूमबर्ग के मंथली क्रिप्टो आउटलुक जो 6 अप्रैल को जारी हुआ था, उसमें बिटक्वाइन और क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को बेहतर बताया गया था लेकिन उस समय मस्क भी इसके प्रति सकारात्मक थे. अब धीरे-धीरे स्थिति में बदलाव आ रहा है तो ऐसे में बिट क्वाइन को लेकर कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है. बिटक्वाइन में एकाएक जबरदस्त गिरावट आती रही है. अप्रैल में अप्रैल महीने में एक ही दिन में इसके भाव 70 फीसदी से अधिक गिर गए थे और इसके भाव 233 डॉलर से लुढ़क कर 67 डॉलर हो गए थे.
सेबी रजिस्टर्ड निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी से जब इसे लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि बिटक्वाइन में निवेश की सलाह वे नहीं देंगे क्योंकि इसे लेकर कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है. जो लोग इसमें निवेश करना चाहते हैं, वे अपने रिस्क पर कर सकते हैं लेकिन कुछ समय में प्रॉफिट मिले तो एग्जिट कर लेना चाहिए.