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बिटकॉइन तेजी से डिजिटल गोल्ड का विकल्प बन रहा है. (Image-Reuters)
Bitcoin on 3 Year High: कोरोना महामारी के कारण आर्थिक अनिश्चितता के दौर में क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन एक बार फिर ऑल टाइम रिकॉर्ड बनाने की तरफ है. बिटक्वॉइन के भाव इस समय 18 हजार डॉलर के स्तर को पार चुके हैं. यह तीन साल का रिकॉर्ड भाव है. इस साल मार्च में यह 4900 के स्तर पर लुढ़क गया था जिसके बाद अब यह 20 हजार के स्तर को पार करने की ओर है. तीन साल पहले भी दिसंबर 2017 में बिटक्वॉइन के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. उस समय यह 20 हजार के स्तर से बस कुछ ही दूर था. दिसंबर की शुरुआत में इसने 19 हजार का स्तर भी पार कर दिया था. हालांकि उसके एक ही महीने बाद यह क्रैश कर गया और उसके भाव 50 फीसदी से भी नीचे चले गए. इस बार भी ऐसा होने की कितनी संभावना है, आइए देखते हैं.
2017 की तुलना में इस बार तेजी का कारण अलग
- बिटक्वॉइन को लेकर इस बार अधिकतर लोगों का रुख यह है कि इस बार की तेजी और 2017 की तेजी में सबसे बड़ा फर्क इसमें निवेश करने वालों का नजरिया है. उनका मानना है कि इस बार ऐसे निवेशक कम हैं जो बिना सोचे-समझे निवेश (फ्रेंजी रिटेल इंवेस्टर्स) करते हैं, ऐसे में इस बार इसके क्रैश होने की संभावना कम है. इसके बावजूद भी इसका भुगतान के तौर पर कम इस्तेमाल और वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता के दौर में बिटक्वॉइन में निवेश अभी भी सुरक्षित नहीं हुआ है.
- क्रिप्टोकरेंसी मीडिया फर्म दि ब्लॉक में रिसर्च डायरेक्टर लैरी सेर्मक का मानना है कि 2017 में जो कुछ भी हुआ, इस बार स्थितियां उससे विपरीत हैं. सेमर्क के मुताबिक इस बार इसके भाव धीरे-धीरे बढ़े हैं और इस बार इसमें छोटे खुदरा निवेशक कम हैं. इसके अलावा इस बार लिक्विडिटी भी अधिक है और इंस्टीट्यूशनल भागीदारी बढ़ा है. हालांकि इन सबके बावजूद उनका मानना है कि यह अभी भी सुरक्षित निवेश नहीं है.
- फिडेलिटी इंवेस्टमेंट्स और जापान की नोमुरा होल्डिंग्स जैसी बड़ी कंपनियां इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स के लिए अब बिटक्वॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज को सुरक्षित करने लगी हैं. क्रिप्टो डेटा फर्म मेस्सारी के सीईओ रेयान सेल्किस के मुताबिक इस बार और 2017 में बिटक्वॉइन के भाव में रिकॉर्ड तेजी को कोई तुलना नहीं हो सकती है क्योंकि 2017 में बिटक्वॉइन के लिए डेरिवेटिव्स और क्रेडिट मार्केट आसानी से उपलब्ध नहीं थे और इंस्टीट्यूशनल कस्टडी तो उपलब्ध ही नहीं थी.
- ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर फर्म क्लीयरमैटिक्स में मार्केट इंटेलीजेंस के प्रमुख टिम स्वानसन के मुताबिक तीन साल में बिटक्वॉइन की उपलब्धता ने पूरा परिदृश्य बदल दिया है. अब इसमें इतने निवेशक हैं कि लिक्विडिटी बढ़ गई है जिससे इसके भाव में वोलैटिलिटी की संभावना कम है.
- निवेशकों के बदलते रूख के अलावा रेगुलेशन भी विकसित हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी के लिए अभी कोई नियामक नहीं है लेकिन एंटी-मनी लांड्रिंग जैसे नियमों ने बड़े निवेशकों के लिए इसमें निवेश का रास्ता तैयार किया है. इसके अलावा कई कंपनियां और सरकारें भी डिजिटल कॉइन टेक्नोलॉजी को अपना रही हैं.
- पिछले महीने पेपाल होल्डिंग्स इंक ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोकरेंसीज में लेन-देन स्वीकार करने की मंजूरी दे दी है. पेपाल की प्रतिद्वंद्वी स्क्वॉयर इंक ने अपने कुल एसेट्स का एक फीसदी बिटकॉइन में निवेश किया है.
- कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं, ऐसे में निवेशक रिस्की एसेट्स जैसे कि बिटकॉइन की तरफ आकर्षित हुए है. बिटक्वॉइन की अधिकतम आपूर्ति 210 करोड़ हो सकती है जिसके कारण इस पर उन नीतियों का प्रभाव नहीं पड़ता जिससे महंगाई बढ़ने की आशंका बनी रहती हैं.
400 करोड़ डॉलर से अधिक के पोजिशंस
क्रिप्टो डेटा प्रोवाइडर स्क्यू के मुताबिक सीएमई ग्रुप इंक पर ओपन इंट्रेस्ट बिटक्वॉइन फ्यूचर्स की कुल वैल्यू इस हफ्ते 100 करोड़ डॉलर के स्तर को पार कर चुकी है. दिसंबर 2017 में इसकी लांचिंग के बाद से यह पहली बार हुआ है. सभी ऑप्शंस मार्केट में कुल पोजिशंस की बात करें तो यह आंकड़ा 400 करोड़ डॉलर के स्तर को पार कर चुका है.
डिजिटल गोल्ड का विकल्प बन रहा बिटकॉइन
डिजिटल एसेट एक्सचेंज डिजिटल करेंसी एक्सचेंज और प्रोफेशनल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बिटेक्स के फाउंडर और सीईओ मोनार्क मोदी का कहना है कि बिटक्वॉइन में जो तेजी देखने को मिल रही है, उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसमें इंस्टीट्यूशनल निवेशकों, इंवेस्टमेंट बैंक और पेमेंट कंपनीज का निवेश बढ़ रहा है. अमीर लोग इसे डिजिटल गोल्ड के विकल्प के रूप में देख रहे हैं. इसके अलावा फाइनेंशियल इंडस्ट्री भी अपने निवेश के तरीकों में बदलाव कर रहा है, जैसे कि वैश्विक वित्तीय-तकनीकी कंपनी पेपाल ने अपने प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकार करना शुरू कर दिया है और इंवेस्टमेंट बैंक जेपीमॉर्गन चेज ने भी स्टेबलकॉइंस के जरिए इंटरबैंक पेमेंट सिस्टम्स पर आधारित ब्लॉकचेन को एडॉप्ट किया है. इसके अलावा कई देशों में अब इसे लेकर सकारात्मक नियमन के कारण भी इसके भाव में तेजी आ रही है. मोदी के मुताबिक अगली कुछ तिमाही में बिटकॉइन 22 हजार के भी स्तर को पार कर सकता है.
(ब्लूमबर्ग और रॉयटर्स से भी इनपुट)