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बिटक्वाइन के भाव एक महीने के भीतर 63 हजार डॉलर का पूर्व रिकॉर्ड लेवल फिर छू सकते हैं और कुछ उतार-चढ़ाव के बाद इस साल के अंत तक 1 लाख डॉलर का स्तर छू सकते हैं. (Image- Reuters)
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने एक बार फिर गुरुवार 2 सितंबर को 50 हजार डॉलर (36.54 लाख रुपये) का स्तर पार कर लिया. बिटक्वाइन के भाव 6 फीसदी की उछाल के साथ 50239 डॉलर (36.71 लाख रुपये) के स्तर तक पहुंच गया था. हालांकि इसके बाद इसके भाव में नरमी आई और अब क्वाइनमार्केटकैप के मुताबिक इसके भाव 48942.05 डॉलर (35.76 लाख रुपये) हैं. इससे पहले बिटक्वाइन ने मई के बाद पहली बार 23 अगस्त को 50 हजार डॉलर का स्तर पार किया था. ऐसा नहीं है कि सिर्फ बिटक्वाइन के भाव मजबूत हुए हैं बल्कि अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी तेजी आई है. पूरे क्रिप्टो मार्केट की बात करें तो इसकी वैल्यू पिछले सात दिनों में 2 लाख करोड़ डॉलर (146.14 लाख करोड़ रुपये) से बढ़कर 2.25 लाख करोड़ डॉलर (164.40 लाख करोड़ रुपये) हो गई.
क्रिप्टो मार्केट में 80-90% हिस्सा Bitcoin का
बिटक्वाइन के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव होता है यानी यह बहुत वोलैटाइल करेंसी है. हालांकि क्रिप्टो मार्केट में सबसे अधिक मांग इसी करेंसी की है. Antilles Cryptocurrency Ecosystem के को-फाउंडर अतुल चतुर का कहना है कि दुनिया भर में बहुत कम लोगों ने ही क्रिप्टो में खरीदारी की है. इस समय करीब 10 करोड़ लोगों ने ही किसी न किसी रूप में क्रिप्टो में खरीदारी की है. इसमें से 80-90 फीसदी हिस्सा बिटक्वाइन का है. चतुर के मुताबिक अब अधिक से अधिक लोग और संस्थान बिटक्वाइन खरीद रहे हैं जिसके चलते इसके भाव में बहुत उतार-चढ़ाव बना हुआ है. इसके अलावा चतुर के मुताबिक बिटक्वाइन की खरीद-बिक्री दुनिया भर के एक्सचेंजों पर किसी न किसी वक्त होती ही रहती है यानी कि इसकी ट्रेडिंग 24*7*365 होती है, जिसके चलते इसके भाव बहुत वोलैटाइल हैं.
इस साल के अंत तक 73 लाख तक पहुंच सकते हैं भाव
जुलाई के मध्य में इंस्टीट्यूशनल दिलचस्पी इसमें बढ़ने के बाद इसके भाव में तेजी लौटी. पिछले हफ्ते ट्विटर के फाउंडर जैक डोर्सी ने ऐलान किया था कि उनकी पेमेंट कंपनी स्क्वायर टीबीडी प्रोजेक्ट के तहत एक डीसेंट्रलाइज्ड बिक्वाइन एजेंसी लांच करेगी. चतुर के मुताबिक बिटक्वाइन के भाव एक महीने के भीतर 63 हजार डॉलर (46 लाख रुपये) का पूर्व रिकॉर्ड लेवल फिर छू सकते हैं और कुछ उतार-चढ़ाव के बाद इस साल के अंत तक 1 लाख डॉलर (73.07 लाख रुपये) का स्तर छू सकते हैं.
(आर्टिकल: संदीप सोनी)