/financial-express-hindi/media/post_banners/WZ7cg3k4T3VGChNoV3kQ.jpg)
Representational Image
/financial-express-hindi/media/post_attachments/kZc6ZGZz15Nd5D9HVj9T.jpg)
पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में चीन ने जो किया, उसके बाद देश के व्यापारियों ने पड़ोसी मुल्क को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी की है. ट्रेडर्स ने चीन को कारोबार के मोर्चे पर करारी शिकस्त देने के लिए एक मेगा एक्शन प्लान तैयार किया. इसके जरिए दिसंबर 2021 तक चीन से इंपोर्ट को 1 लाख करोड़ रुपये घटाने की तैयारी है. ट्रेडर्स पहले से ही आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल की दिशा में चीनी उत्पादों के बहिष्कार का कैंपेन चला रहे थे. अब सोमवार रात को चीन और भारत की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद ट्रेडर्स ने इस कैंपेन को और तेज कर दिया है और भारतीय बाजार से चीन के प्रॉडक्ट्स को बाहर निकालने के लिए कमर कस ली है.
बता दें के कि भारत और चीन के बीच की झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने की खबर है. कई घायल भी हैं. जानकारी के मुताबिक चीन की ओर से भी करीब 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि अभी चीन की ओर से नहीं हुई है. इस झगड़े की शुरुआत चीन की तरफ से हुई, जब बातचीत के बाद उसे पीछे हटाया जा रहा था.
बॉयकॉट चाइन को लेकर व्यापारी काफी उत्साहित
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी ऑनलाइन को बताया कि बॉयकॉट चाइना के लिए ट्रेडर्स की ओर से कैंपेनिंग काफी तेज हो चुकी है. इसे लेकर व्यापारी भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में सभी व्यापारियों से संपर्क कर बॉयकॉट चाइना कैंपेन को आगे बढ़ाया जा रहा है. हाल ही में कैट ने अपने राष्ट्रीय अभियान “भारतीय सामान-हमारा अभिमान” के अंतर्गत कमोडिटी की 450 से अधिक कैटेगरी की वृहद सूची जारी की. इस सूची में 3000 से अधिक ऐसे उत्पाद हैं, जो चीन में निर्मित होकर भारत में आयात होते हैं जबकि भारत में भी इनका निर्माण होता है. इनके बहिष्कार का आह्वान कैट ने अपने अभियान के प्रथम चरण में किया है.
India Vs China: भारतीय मोबाइल बाजार पर किन कंपनियों का दबदबा? स्मार्टफोन और फीचर फोन में कौन आगे
लक्ष्य समय से पहले ही पूरा होने का अनुमान
खंडेलवाल ने कहा कि फिलहाल कोविड19 के कारण कैंपेन डिजिटली रूप से ही आगे बढ़ाया जा सकता है. इसलिए हम बड़े पैमाने पर वॉट्सऐप मैसेज, वीडियो आदि का सहारा लेंगे. इस समय पूरे देश के व्यापारियों, उनके परिवारों, संबंधियों को मैसेज, कॉल, वीडियो कॉन्फ्रेंस आदि हर संभव जरियों से जुड़ा जा रहा है और उनसे चीन के देश के अंदर कारोबार को कम करने में सहयोग देने की अपील की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का रिस्पॉन्स है, उससे लग रहा है कि चीन से इंपोर्ट 1 लाख करोड़ रुपये घटाने के अपने लक्ष्य को हम समय से पहले ही पूरा कर लेंगे. वर्तमान में चीन से भारत द्वारा आयात लगभग 5.25 लाख करोड़ रुपये अर्थात 70 अरब डॉलर वार्षिक का है.
आगे और प्रॉडक्ट्स की लिस्ट होगी जारी
खंडेलवाल ने कहा कि आगे चलकर हम बहिष्कार किए जाने वाले और प्रॉडक्ट्स की लिस्ट जारी करेंगे. कैट ने सरकार से अपील की है कि जिन इंडियन स्टार्टअप में चीन की कंपनियों का पैसा लगा हुआ है, उनमें से वह पैसा वापस किया जाए. कैट ने भारतीय फिल्म स्टार्स और क्रिकेट स्टार्स द्वारा चीनी ब्रांड्स के बड़े पैमाने पर विज्ञापन करने पर भी गंभीर चिंता जताई है. खंडेलवाल ने आगे कहा कि जो मुहिम ट्रेडर्स ने चलाई है, उसका असर आने वाले दिनों में जल्द ही दिखाई देगा.