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BPCL Privatisation: बीपीसीएल को मिलीं 3 बोलियां, हिस्सेदारी खरीदने की रेस में वेदांता और 2 ग्लोबल फंड

BPCL Privatisation: सरकार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3 आरंभिक बोलियां मिली हैं.

BPCL Privatisation: सरकार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3 आरंभिक बोलियां मिली हैं.

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BPCL Privatisation

BPCL Privatisation: सरकार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3 आरंभिक बोलियां मिली हैं.

BPCL Privatisation: सरकार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3 आरंभिक बोलियां मिली हैं. बीपीसीएल देश की इस दूसरी सबसे बड़ी ईंधन कंपनी है, जिसमें सरकार अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. केंद्रीय पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी है कि इसके लिए उन्हें वेदांता सहित 3 कंपनियों ने प्रारंभिक अभिरुचि पत्र (EoI) दाखिल किया है. वेदांता के अलावा अन्य 2 बिडर्स ग्लोबल फंड हैं. इन कंपनियों में एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है. इसके लिए अभिरुचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 नवंबर थी. पहले इस रेस में आरआईएल और सउदी अरामको जैसी कंपनियों के भी शामिल होने का अनुमान था, लेकिन उन कंपनियों ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया.

प्रधान ने दी जानकारी

प्रधान ने एक कार्यक्रम में कहा कि बीपीसीएल में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कई कंपनियों ने इंटरेस्ट दिखाया. उनमें से 3 कंपनियों का अभिरुचि पत्र यानी EoI बिडिंग प्रॉसेस के लिए हमें मिला है. हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है. इस बिक्री में असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की 61.65 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है. बता दें, सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.

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निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने इसके पहले 16 नवंबर को ट्वीट कर कहा कि बीपीसीएल में सरकार की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी की खरीद में कई कंपनियों ने रुचि दिखायी है. कई कंपनियों ने इसके लिए EoI दाखिल किया है. इनकी स्क्रूटनी कर बिडिंग प्रॉसेस को अगले चरण में बढ़ाया जाएगा.

इसके पहले वेदांता समूह ने यह जानकारी दी थी कंपनी पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीद सकती है. कंपनी के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘बीपीसीएल के लिए वेदांता का ईओआई हमारे मौजूदा तेल और गैस कारोबार के साथ संभावित तालमेल का मूल्यांकन करने के लिए है.

RIL, रोजनेफ्ट, सऊदी अरामको पीछे हटीं

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने प्रस्ताव जमा नहीं कराए, जबकि कंपनी को बीपीसीएल की खरीद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था. इसी तरह दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने भी इसके लिए रुचि पत्र जमा नहीं कराया है. वहीं ब्रिटेन की बीपी और फ्रांस की टोटल की भारतीय ईंधन बाजार में प्रवेश करने की योजना थी लेकिन उन्होंने ने भी बीपीसीएल की हिस्सेदारी खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखायी. दोनों कंपनियों का कहना है कि दुनिया अब तरल ईंधन से दूर जा रही है और ऐसे में वह रिफाइनरी परिसंपत्तियों को अपने कारोबार में नहीं जोड़ना चाहतीं.

अब आगे क्या होगा

सूत्रों के अनुसार अब लेनदेन परामर्शक बोलियों का आकलन करेंगे और देखेंगे कि बोली लगाने वाली कंपनी अधिग्रहण की योग्यता पूरी करती है या नहीं. इसे वित्तीय रूप से कारगर करने में सक्षम है या नहीं. इस प्रक्रिया में कुछ दिन लग सकते हैं.बोली लगाने वाले को सार्वजनिक स्तर पर 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश करनी होगी.

Bpcl