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BSNL ने अपनी सभी इकाइयों को कॉन्ट्रैक्ट कामों पर खर्चों में कटौती करने का निर्देश दिया है.
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सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपनी सभी इकाइयों को कॉन्ट्रैक्ट कामों पर खर्चों में कटौती करने का निर्देश दिया है, इससे ठेकेदारों के जरिये कंपनी के लिए काम कर रहे 20,000 श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे. बीएसएनएल की कर्मचारी यूनियन ने यह दावा किया. यूनियन ने यह भी दावा किया है कि कंपनी के 30,000 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को पहले ही बाहर किया जा चुका है. साथ ही ऐसे श्रमिकों का पिछले एक साल से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है.
कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही कंपनी
BSNL के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार को लिखी चिट्ठी में यूनियन ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति और खराब हुई है. विभिन्न शहरों में मैनपावर की कमी की वजह से नेटवर्क में खराबी की मुश्किल बढ़ी है.
यूनियन ने कहा कि वीआरएस के बाद भी बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है. यूनियन ने कहा कि पिछले 14 महीने से भुगतान नहीं होने की वजह से 13 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स आत्महत्या कर चुके हैं. इस बारे में बीएसएनएल को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिल पाया.
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कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स पर खर्च को कम करने के लिए कहा
BSNL ने मानव संसाधन निदेशक की इजाजत से एक सितंबर को सभी मुख्य महाप्रबंधकों को आदेश जारी कर कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स पर खर्च को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा था. इसके अलावा ठेकेदारों के जरिये कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स से काम लेने में भी कटौती करने को कहा था. आदेश में कहा गया था कि चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक चाहते हैं कि बीएसएनएल का प्रत्येक सर्किल ठेका श्रमिकों से काम नहीं लेने के बारे में तत्काल एक स्पष्ट रूपरेखा तैयार करे.
बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन के महासचिव पी अभिमनी ने कहा कि बीएसएनएल के करीब 30,000 ठेका श्रमिकों को पहले ही बाहर किया जा चुका है. करीब 20,000 और ठेका श्रमिकों को बाहर करने की तैयारी चल रही है.