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सरकार ने पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स रेट करीब 10 फीसदी घटाकर 22 फीसदी कर दिया.
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Budget 2020: प्रमुख उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने केंद्र सरकार से कंपनियों पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को समाहित करते हुए 2023 तक 15 फीसदी पर लाने की बजट में घोषणा करने की मांग की है. सीआईआई ने सुझाव दिया है कि सरकार को आगामी आम बजट में कॉरपोरेट टैक्स की सभी दरों को सभी तरह की छूट और रियायत को समाप्त कर अप्रैल, 2023 तक 15 फीसदी पर लाने की घोषणा करनी चाहिए. इससे निवेश फैसले सुगमता से लिए जा सकेंगे.
सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा, ‘‘आम बजट में कॉरपोरेट टैक्स रेट को सभी तरह के प्रोत्साहन और छूट समाप्त करने के बाद एक अप्रैल, 2023 से एकमुश्त 15 फीसदी करने की रूपरेखा की घोषणा की जा सकती है. इस तरह के संकेत मिलने से निवेशकों की धारणा मजबूत होगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.’’ उद्योग मंडल ने कहा कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती का जमीनी प्रभाव अभी संतोषजनक नहीं है. सीआईआई ने कहा कि इसकी वजह कर की कई दरें होना है जिसकी वजह से मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए टैक्स रेट में असमानता बन गई है.
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कॉरपोरेट टैक्स रेट घटाकर 22% किया
सरकार ने पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स रेट करीब 10 फीसदी घटाकर 22 फीसदी कर दिया. इसके ऊपर सेस और सरचार्ज लागू है जिसे मिलाकर यह दर 25.17 फीसदी तक पहुंच जाती है. हालांकि, इस रेट पर कंपनियों को किसी तरह की टैक्स छूट या प्रोत्साहन लाभ नहीं मिलेगा.
इसके अलावा 31 मार्च, 2023 तक उत्पादन शुरू करने वाली मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की इकाइयां जिनका गठन एक अक्टूबर, 2019 या उसके बाद होगा उनके लिये 15 फीसदी की दर से कर देना होगा. सरचार्ज और सेस के साथ यह रेट 17.14 फीसदी के आसपास हो जाता है. भारत मे कंपनी टैक्स पिछले तीन दशक के दौरान 45 फीसदी से घटता हुआ 2019- 20 में 22 फीसदी पर आया है.