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जीवन बीमा निगम (LIC) को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्ध कराया जा सकता है.
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बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्ध कराया जा सकता है. वित्त सचिव राजीव कुमार ने रविवार को यह बात कही. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2020-21 का बजट पेश करते हुए घोषणा की कि अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाया जाएगा. कुमार ने कहा कि सूचीबद्धता के लिए कई प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत होगी. एलआईसी को सूचीबद्ध कराने के लिए कुछ विधायी बदलावों की भी जरूरत होगी.
LIC की सूचीबद्धता से ज्यादा पारर्दिशता आएगी: राजीव कुमार
राजीव कुमार ने कहा कि वे सूचीबद्ध की प्रक्रिया का पालन करेंगे. विधि मंत्रालय के साथ विचार विमर्श में जरूरी विधायी बदलाव किए जाएंगे. इसकी प्रक्रिया उन्हेंने पहले ही शुरू कर दी है. अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्धता की बात तर्कसंगत लगती है. उन्होंने कहा कि LIC की सूचीबद्धता से ज्यादा पारर्दिशता आएगी और सार्वजनिक भागीदारी बढ़ेगी.
LIC की कितनी हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी, इसके बारे में कुमार ने कहा कि यह दस फीसदी हो सकता है. हालांकि, अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है. सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार की मंशा एलआईसी और आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का है.
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LIC देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी
बजट 2020 स्पीच के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि सरकार एलआईसी में आईपीओ के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. यानी अब एलआईसी के शेयर बाजार में लिस्ट होने का रास्ता साफ दिख रहा है. हालांकि इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़ेगी. बता दें कि एलआईसी के आईपीओ लाने की चर्चा लंबे समय से चल रही है, लेकिन पिछले साल खुद एलआईसी से इससे इनकार किया था.
एलआईसी देश की की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. करीब 2 दशकों से निजी बीमा कंपनियां इसे टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं.