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भारत के क्रिप्टोकरेंसी बाजार में पिछले कुछ सालों में तेजी के साथ बढ़ोतरी देखी गई है.
Budget2022 for Cryptocurrency Investors: भारत के क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बाजार में पिछले कुछ सालों में तेजी के साथ बढ़ोतरी देखी गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों द्वारा निवेश 2030 तक बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है. नैसकॉम और वज़ीरएक्स के हालिया स्टडी के मुताबिक, वर्तमान में, भारत में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो ओनर्स की संख्या सबसे ज्यादा, 10.07 करोड़ है.
Taxmann के DGM नवीन वाधवा कहते हैं, "क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद थी. हालांकि, इसे पेश नहीं किया गया. अब उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को पेश कर सकती है. अगर सरकार भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने से नहीं रोकती है, तो उम्मीद है कि इसके लिए एक रिग्रेसिव टैक्स व्यवस्था पेश की जाएगी.” बाजार के आकार, अमाउंट और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, क्रिप्टोकरेंसी के टैक्सेशन में निम्नलिखित बदलाव लाए जा सकते हैं -
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TDS/TCS प्रोविजन्स
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि तय लिमिट से ज्यादा क्रिप्टोकरंसीज की बिक्री और खरीद दोनों को TDS/TCS प्रोविजन्स के दायरे में लाया जाना चाहिए. इससे सरकार को निवेशकों पर नज़र रखने में मदद मिलेगी.
फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट में लेनदेन का जिक्र
क्रिप्टोकरंसीज की बिक्री और खरीद दोनों को फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट में रिपोर्टिंग के दायरे में लाया जा सकता है. ट्रेडिंग कंपनियां पहले से ही म्यूचुअल फंड के शेयरों की बिक्री और खरीद का जिक्र करती रही हैं.
हायर टैक्स रेट
लॉटरी, गेम शो, पज़ल, आदि से जीत के समान, क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर 30% का हायर टैक्स रेट लगाया जाना चाहिए.
नुकसान की भरपाई की न हो अनुमति
क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाले नुकसान को अन्य आय से एडजस्ट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और इसमें ‘कैरी फॉरवर्ड’ की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
(Article: Sanjeev Sinha)