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SGB: फेस्टिव सीजन में आज से सस्ता सोना खरीदने का मौका, 10 प्वॉइंट में समझें गोल्ड बांड क्यों बेस्ट विकल्प

Sovereign Gold Bond: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज आज से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है.

Sovereign Gold Bond: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज आज से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है.

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Sushil Tripathi
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SGBs, Sovereign Gold Bond

Sovereign Gold Bond: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज आज से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है.

Sovereign Gold Bond: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज आज से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है. 12 अक्टूबर से लेकर 16 अक्टूबर तक यह निवेशकों के लिए खुला रहेगा. गोल्ड बांड के लिए इस बार सरकार ने इश्यू प्राइस 5,051 रुपये प्रति ग्राम यानी 50,510 रुपये प्रति 10 ग्राम तय किया है. वहीं, अगर ऑनलाइन गोल्ड बांड खरीदते हैं तो हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी. ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 5,001 रुपये प्रति ग्राम यानी 50,010 प्रति 10 ग्राम होगा. बता दें कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बांड की यह सीरीज तब लेकर आई है, जब सोना इस साल अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 6000 रुपये उिस्काउंट पर बिक रहा है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि फेस्टिव सीजन के पहले सस्ता सोना खरीदने का अच्छा मौका है.

कैसे और कहां खरीदें

एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक के पास PAN होना जरूरी है. गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी. इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 400 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.

10 प्वॉइंट में जानें क्यों खरीदना चाहिए

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1. गोल्ड बांड की सबसे यूनिक क्वालिटी है कि इसमें सोने की कीमतों में इजाफे के अलावा भी आपको 2.5 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है.

2. मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है.

3. एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है.

4. भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है.

5. फिजिकल गोल्ड की बजाए मैनेज करना आसान और सेफ होता है.

6. इसमें एग्जिट के आसान विकल्प हैं.

7. गोल्ड बांड के अगेंस्ट लोन की सुविधा मिलती है.

8. यह HNIs के लिए भी बेहतर विकल्प है, जहां इसमें मेच्योरिटी तक होल्ड करने में कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होता है. इक्विटी पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है.

9. इसमें प्योरिटी का कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं.

10.पिछले 10 साल या 15 साल की बात करें तो सोने ने लगातार अच्छा रिटर्न दिया है.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में नहीं, बल्कि बांड के रूप में पेपर फॉर्म में सोना मिलता है. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है. जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता. इस पर 3 साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मेच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा). वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. अगर बात रिडेंप्शन की करें तो 5 साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं.

क्या खरीदना चाहिए गोल्ड बांड

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि मौजूदा समय की बात करें तो निवेशकों के पोर्टफोलियो में 5 से 8% अलोकेशन गोल्ड में होना चाहिए. अगर आपके पोर्टफोलियो में 5 फीसदी या इससे भी कम सोना है तो गोल्ड बांड मौजूदा समय में सोना खरीदने का बेस्ट विकल्प है. अभी सोना अपने रिकॉर्ड हाई से अच्छा खासा डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है. वहीं, अर्थव्यवस्था को लेकर जिस तरह से अभी साफ तस्वीर नहीं है, उससे लग रहा है कि सोने में आगे तेजी जारी रहेगी. इसकी सबसे यूनिक क्वालिटी है कि यह केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है, जिसे आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है. इसमें सालाना 2.5 फीसदी की दर से ब्याज भी मिलता है.

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