/financial-express-hindi/media/post_banners/3n7DHkTcD8MMPQz6Hwcc.jpg)
In the last one year, the government has eased FDI policy in several sectors including insurance intermediaries and defence.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने बुधवार को ATC टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में 2,480.92 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी है. यह विदेशी निवेश एटीसी एशिया पैसेफिक प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किया जाएगा. इस सौदे के तहत एटीसी टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर में 12.32 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण 216 रुपये प्रति शेयर पर किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस सौदे के बाद से कंपनी में कुल 5,417 करोड़ रुपये का एफडीआई आएगा.
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि एफडीआई के इस निर्णय से साफ है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भरोसा बढ़ रहा है. साथ ही भारत के ग्रोथ को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय कम्यूनिटी का विश्वास मजबूत हुआ है. इस फैसले से भारत में विदेशी निवेश का फ्लो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, साथ ही साथ इनोवेशन को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
टाटा टेली सर्विसेज लिमिटेड (TTSL) और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) द्वारा पुट ऑप्शन के प्रयोग के परिणाम के रूप में ATC एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड द्वारा 2480.92 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया जाएगा. इस मंजूरी के साथ, एटीसी टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (एटीसी इंडिया) में ATC एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (ATC सिंगापुर) का कुल एफडीआई वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक 5417.2 करोड़ रुपये होगा.
Cabinet Decisions: NIIF डेट प्लेटफॉर्म में सरकार डालेगी 6000 करोड़, लेकिन लागू रहेंगी शर्तें
टेलिकॉम इंफ्रा सर्विस देती है ATC
एटीसी टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड दूरसंचार ऑपरेटरर्स को टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में है. कंपनी में 86.36 फीसदी तक की एफडीआई मंजूरी पहले से है और नई मंजूरी के साथ यह बढ़कर 98.68 फीसदी (पूरी तरह से डाइल्यूट आधार पर) हो जाएगी. वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान मेसर्स एटीसी एशिया पैसिफिक पीटीई लिमिटेड द्वारा मेसर्स एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2480.92 करोड़ रुपये होगा.
मालूम हो टेलिकॉम सेक्टर में 100 फीसदी तक की एफडीआई की अनुमति दी गई है, जिसमें आटोमैटेड रूट से 49 फीसदी तक और उसके बाद का हिस्सा सरकारी माध्यम से होगा.