scorecardresearch

कंपनियों को छोटी-मोटी गलती पर नहीं मिलेगी सजा, कंपनी कानून में होंगे 72 संशोधन; कैबिनेट ने दी मंजूरी

सरकार ने बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

सरकार ने बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी कानून में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

author-image
PTI
एडिट
New Update
कंपनियों को छोटी-मोटी गलती पर नहीं मिलेगी सजा, कंपनी कानून में होंगे 72 संशोधन; कैबिनेट ने दी मंजूरी

Cabinet Decisions: As many as 72 changes to the Companies Act 2013 have been approved by the Cabinet Image: PTI

सरकार ने बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी कानून (Companies Act) में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. ये संशोधन देश में कारोबार सुगमता बढ़ाने और कंपनियों की हल्की-फुल्की गलतियों में सजा के प्रावधानों को समाप्त करने या जुर्माना हल्का करने को लेकर हैं. इसमें कई प्रकार की गलतियों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी से हटाने के साथ-साथ छोटी कंपनियों को सामाजिक दायित्व समिति बनाने की जिम्मेदारी से मुक्त करने के प्रस्ताव शामिल हैं.

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कंपनी कानून 2013 में 72 संशोधनों वाला विधेयक पेश किए जाने को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इन संशोधन प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य कंपनी कानून में विभिन्न प्रावधानों को आपराधिक सजा वाले प्रावधान की श्रेणी से हटाना है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने कानून में 72 बदलावों के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

23 गड़बड़ियों की श्रेणी बदली

कानून के तहत कुल 66 समझौते लायक गड़बड़ियों (कम्पाउंड करने लायक गड़बड़ी) में से 23 की श्रेणी बदली गई है और समझौते लायक सात गलतियों को अपराध की सूची से हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. आम तौर पर समझौता योग्य या ‘कम्पाउंड’ करने लायक उल्लंघन ऐसे माने जाते हैं, जहां गलती करने वाला समझौता कर के उसका समाधान करा सकता है.

सीतारमण ने कहा कि सरकार विभिन्न धाराओं में जेल के प्रावधान को हटाएगी और इसके साथ साथ कंपाउंड योग्य कुछ प्रावधानों में जुर्माना हल्का करेगी.

कैबिनेट ने 10 सरकारी बैंकों के विलय पर लगाई मुहर, 1 अप्रैल से होगा प्रभावी

किन कंपनियों के लिए CSR कमेटी अनिवार्य नहीं

उन्होंने यह भी कहा कि जिन कंपनियों पर सीएसआर (कॉरपोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी) खर्च का दायित्व 50 लाख से कम है, उन्हें सीएसआर कमेटी गठित करने की जरूरत नहीं होगी. सीतारमण ने कहा कि इस पहल का मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ाना है. सरकार द्वारा नियुक्त एक उच्च स्तरीय समिति ने कंपनी कानून के तहत स्टार्टअप द्वारा नियमों के उल्लंघन को लेकर मौजूदा समझौता योग्य अपराधों में से आधे से अधिक को संज्ञेय अपराध की श्रेणी से बाहर लाने के साथ मौद्रिक जुर्माना कम करने का प्रस्ताव किया था.

Union Cabinet 2 Nirmala Sitharaman Companies Act