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कैंपस एक्टिव-वियर अपना DRHP पिछले साल दिसंबर में ही जमा कर चुकी है.
Shoe Company Campus Activewear IPO : स्पोर्ट्स और लेज़र फुटवियर बनाने वाली कंपनी कैंपस एक्टिववियर का आईपीओ अगले महीने यानी मई में आने के आसार हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कंपनी मई में अपने शेयरों की लिस्टिंग शेयर बाजार में करने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही कंपनी ने भारतीय बाजार में अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के विस्तार की योजना भी बनाई है. इस योजना के तहत कंपनी दक्षिण भारत में अपने बाजार के विस्तार पर खास जोर देना चाहती है. कैंपस एक्टिववियर में इक्विटी फंड TPG ग्रोथ और QRG एंटरप्राइज ने पैसे लगा रखे हैं.
कैंपस एक्टिव-वियर का दावा है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के ब्रांडेड स्पोर्ट्स, एथलेटिक और लेज़र फुटवियर बाजार में उसकी करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी रही है. कंपनी के मुताबिक देश में स्पोर्ट्स, एथलेटिक और लेज़र फुटवियर बाजार का कुल आकार करीब 9000 करोड़ का है, जिसमें संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है.
दिसंबर 2021 में जमा हो चुका है DRHP
दरअसल कंपनी अपना आईपीओ लाने की तैयारी काफी अरसे से कर रही है, जिसके तहत उसने अपना रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) पिछले साल दिसंबर में ही जमा कर दिया था. इस प्रस्ताव के मुताबिक कंपनी ने आईपीओ के तहत प्रमोटरों और मौजूदा शेयरधारकों के 5.1 करोड़ इक्विटी शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में जारी करने की पेशकश की है.
OFS के तहत मौजूदा शेयरधारक बेचेंगे इक्विटी
इस OFS के तहत जिन मौजूदा शेयरधारकों की इक्विटी बेची जाएगी, उनमें कंपनी के प्रमोटर हरि कृष्ण अग्रवाल और निखिल अग्रवाल के अलावा टीपीजी ग्रोथ 3 एसएफ प्राइवेट लिमिटेड (TPG Growth III SF Pte Ltd) और क्यूआरजी एंटरप्राइजेज (QRG Enterprises Ltd) भी शामिल हैं. फिलहाल कंपनी की 78.21 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटर्स के पास है, जबकि टीपीजी ग्रोथ के पास 17.19 फीसदी शेयर हैं. कंपनी के 3.86 फीसदी शेयर अभी क्यूआरजी एंटरप्राइजेज के पास हैं, जबकि बाकी 0.74 फीसदी हिस्सेदारी कंपनी के कुछ मौजूदा कर्मचारियों और अन्य व्यक्तिगत निवेशकों के पास हैं.
पिछले 10 साल में 25% रही CAGR
कैंपस एक्टिववियर के सीएफओ रमन चावला के मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2021 के दौरान कंपनी की बिक्री करीब 1000 करोड़ रुपये की रही. जबकि महामारी से प्रभावित 2021-21 के पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की परिचालन आय 711.28 करोड़ रुपये रही थी. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल के दौरान कंपनी की ग्रोथ अच्छी रही है. इस दौरान कंपनी की CAGR 25 फीसदी की रही है. उन्होंने बताया कि कंपनी की बिक्री में ई-कॉमर्स जैसे नए ज़माने के डिजिटल सेल्स चैनलों का योगदान करीब 20 फीसदी है. पिछले तीन सालों में यब 20 करोड़ से बढ़कर 400 करोड़ रुपये हो चुका है. कंपनी की करीब 75 फीसदी बिक्री नॉन-मेट्रो शहरों में होती है.
फिलहाल कैंपस के पूरे देश में करीब 100 एक्सक्लूसिव ब्रैंड स्टोर हैं, जिनमें से करीब 65 कंपनी के स्वामित्व में हैं, जबकि बाकी फ्रैंचाइज़ी मॉडल के आधार पर चलाए जा रहे हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कैंपस ने 190 नए डिस्ट्रीब्यूटर बनाए थे. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2021 के दौरान कंपनी ने इनमें 53 और डिस्ट्रीब्यूर जोड़ लिए हैं.
हाई-मार्जिन सेगमेंट में विस्तार का इरादा
कंपनी अब महिलाओं और बच्चों के लिए अपनी फुटवियर रेंज में और विस्तार करना चाहती है. फुटवियर बाजार में यह एक हाई-मार्जिन वाला सेगमेंट है. अपने सेल्स नेटवर्क में विस्तार के लिए कंपनी और कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना भी बना रही है. इन प्रयासों के जरिए कंपनी देश के हर हिस्से में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती है.
कंपनी के सीएफओ चावला ने माना कि कंपनी को महंगाई के दबाव का सामना करना पड़ रहा है. प्रमुख कच्चे माल की कीमतों में आई तेजी इसकी बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से कंपनी को वित्त वर्ष 2021 के दौरान अपने उत्पादों की कीमतें करीब 5 फीसदी बढ़ानी पड़ी थीं. कैंपस मूल रूप से दिल्ली की कंपनी है, जिसके पास साल में करीब 2.56 करोड़ फुटवियर बनाने की क्षमता है.
(इनपुट : पीटीआई)