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मकान बनाने के लिए कुछ चुनिंदा बैंक ही लोन देते हैं.
पिछले कुछ साल में घर खरीदने या बनाने के लिए लोन आवेदकों (Home Loan) की संख्या बढ़ी है. निवेश के लिए मकान खरीदने का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ा है. कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान लोन कस्टमर की इनकम और रीपेमेंट कैपिसिटी देख कर लोन देता है. ज्यादातर बैंक या NBFC की वेबसाइट पर लोन एलिजिबिलीटी कैलकुलेटर मौजूद होता है. इससे ग्राहक पता लगा सकता है कि उसे लोन मिल सकता है या नहीं. अगर लोन मिलेगा तो उसकी कमाई पर यह अमाउंट कितना होगा.
होम लोन लेने के लिए ये चीजें हैं जरूरी
होम लोन 21 से 65 साल की उम्र के लोगों को मिलता है. लोन के लिए अप्लाई करने वालों की कमाई सैलरी से होनी चाहिए या फिर वह स्वरोजगार करने वाला हो सकता है. होम लोन आवेदक की न्यूनतम सैलरी या आय 25 रुपये प्रति महीने होनी चाहिए. होम लोन के लिए जरूरी है कि उसका न्यूनतम क्रेडिट स्कोर 750 हो. लोन की अवधि 5 साल से 30 साल तक की होती है.
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि होम लोन के लिए ये सामान्य नियम हैं. लोन आवदेक की क्रेडिट हिस्ट्री, क्रेडिट स्कोर पर भी निर्भर करता है. लोन देने वाले बैंकों और एनबीएफसी के नियम और शर्तें भी अलग-अलग होती हैं.
कितना होम लोन मिल सकता है?
अमूमन लोन प्रॉपर्टी की कीमत के 80 फीसदी तक मिलता है. 20 फीसदी रकम डाउन पेमेंट करनी होती है.Basis की को-फाउंडर और सीओओ दीपिका जयकिशन के मुताबिक ईएमआई लोन कस्टमर की इनकम के 60 फीसदी से भी नीचे होनी चाहिए. हालांकि 2 से 5 लाख रुपये तक का होम लोन भी मिलता है.
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क्या मकान बनाने के लिए मिलता है होम लोन?
जो कस्टमर मकान बनाने के लिए होम लोन लेना चाहते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि सभी बैंक मकान बनाने के लिए लोन नहीं देते हैं. उन्हें उन बैंकों के बारे में पता कर लेना चाहिए जो मकान बनाने के लिए लोन देते हैं. जो बैंक मकान बनाने के लिए लोन देते हैं वे भी इसकी पूरी रकम नहीं देते. ऐसे बैंक किस्तों में पैसा देते हैं. यह आपके मकान के निर्माण की प्रगति की निर्भर करता है. कुछ कस्टमर को लोन की छोटी रकम दे सकते हैं. लेकिन कस्टमर्स के लिए यह अच्छा होगा कि वह छोटी रकम के लिए पर्सनल लोन लें. यह छोटी अवधि का लोन होता है और इसकी शर्तें ज्यादा लचीली हो सकती है.
(Article: Priyadarshini Maji)