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Reliance-Future Deal : अमेजन को दोहरा झटका; सीसीआई ने फ्यूचर कूपन्स के साथ डील टाली, लगाया 202 करोड़ का जुर्माना

सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि अब यह जरूरी है कि डील का फिर से आकलन हो. अमेजन ने गलत और झूठे स्टेटमेंट दिए हैं.

सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि अब यह जरूरी है कि डील का फिर से आकलन हो. अमेजन ने गलत और झूठे स्टेटमेंट दिए हैं.

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Reliance-Future Deal : अमेजन को दोहरा झटका; सीसीआई ने फ्यूचर कूपन्स के साथ डील टाली, लगाया 202 करोड़ का जुर्माना

सीसीआई ने अमेजन पर लगाया जुर्माना

दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) को दोहरा झटका लगा है. कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पहले तो फ्यूचर कूपन्स के साथ इसकी डील को दी गई अपनी सहमति टाल दी और फिर इसके बाद कुछ नियमों के उल्लंघन के आरोप में 202 करोड़ का जुर्माना लगा दिया. कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ने नवंबर 2019 में अमेजन को फ्यूचर कूपन्स की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इजाजत दे दी थी. अब सीसीआई ने अपना फैसला देते हुए कहा है कि अभी यह इजाजत स्थगित रहेगी.

सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि अब यह जरूरी है कि डील का फिर से आकलन हो. सीसीआई ने 57 पन्नों का आदेश जारी करते हुए कहा कि अमेजन ने गलत और झूठे स्टेटमेंट दिए हैं. इससे पहले 16 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीसीआई से कहा था कि वह अमेजन फ्यूचर कूपन्स डील मामले में ई-कॉमर्स कंपनी को मिली मंजूरी रद्द करे.

CAIT ने भी सीसीआई के फैसले पर दायर की थी याचिका

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सीसीआई को ऐसा करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया था. इससे पहले कैट (CAIT) ने भी सीसीआई के खिलाफ एक लोकहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उसने अमेजन को जून में ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन उस पर अब तक कोई फैसला नहीं दिया गया है.

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क्या है मामला?

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों ने हाल ही में सीसीआई के पास याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि सीसीआई 2019 में फ्यूचर कूपन्स में निवेश के लिए अमेजन को दी गई मंजूरी को रद्द करे. उन्होंने अमेजन पर आरोप लगाया था कि सीसीआई से इजाजत लेते समय उसने गलत जानकारी दी थी. दरअसल जब फ्यूचर ग्रुप ने करीब 24 हजार करोड़ रुपये में अपना रिटेल, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स बिजनेस रिलायंस इंडस्ट्री को बेचने का सौदा किया था अमेजन ने यह कह कर आपत्ति जताई कि उसने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर कंपनी फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड में पिछले साल अगस्त में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. ऐसे में रिलायंस से सौदा करने से पहले फ्यूचर समूह को अमेजन से अनुमति लेनी चाहिए थी. अमेजन के पास फर्स्ट रिफ्यूजल का अधिकार है.

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