/financial-express-hindi/media/post_banners/DQOzfXfy9GTFp5LdylYp.jpg)
सरकार ने गन्ने की एफआरपी पांच रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी है
Sugarcane FRP Increases : देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन यानी ISMA ने कहा है कि गन्ने की एफआरपी ( fair and remunerative price) में पांच रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी से मिल मालिकों पर कोई ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा लेकिन उसने चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ा कर 35 रुपये प्रति किलो करने की मांग की है. फिलहाल यह कीमत 31 रुपये प्रति किलो है. ISMA ने कहा है कि इससे मिल मालिकों की लिक्विडिटी की समस्या हल हो सकेगी.
मिल मालिकों ने कहा, चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत बढ़े
इससे पहले सरकार ने गन्ने के एफआरपी में पांच रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. देश के पांच करोड़ गन्ना किसानों की इनकम बढ़ाने की गरज सरकार ने गन्ने की एफआरपी बढ़ा कर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ( ISMA) के डायरेक्टर जनरल अबिनाश वर्मा ने कहा कि गन्ने की एफआरपी में पांच रुपये प्रति क्विंटल की दर की बढ़ोतरी से मिल मालिकों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा लेकिन सरकार को चीनी की मिनिमम सेलिंग प्राइस भी बढ़ानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान गन्ने की एफआरपी 1.75 फीसदी बढ़ाई गई है, जो काफी वाजिब है. पिछली बार गन्ने की एआरपी प्रति क्विंटल 25 से 40 रुपये तक बढ़ा दी गई थी.
चीनी की कीमत 34-35 रुपये किलो करने की मांग
वर्मा ने कहा कि सरकार ने एफआरपी बढ़ाई है लेकिन गन्ना मिल मालिक चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत भी बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं. इससे उन्हें गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में मदद मिलेगी. मंत्री समूह, नीति आयोग, सचिवों की समिति और कई राज्य सरकारों ने मार्च और जुलाई 2020 के बीच चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत बढ़ाने को कहा था. उन्होंने कहा कि उम्मीद है सरकार चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत बढ़ा कर 34.50 रुपये से लेकर 35 रुपये करेगी.