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Coal Crisis: कोयले की किल्लत से स्टील और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की हालत खराब, FMCG प्रोडक्ट्स से लेकर गाड़ियां तक होंगी अब और महंगी

फेडरेशन आफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज ने कोयला मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोयले की सप्लाई में कमी से स्टील और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की दुर्दशा हो रही है.

फेडरेशन आफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज ने कोयला मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोयले की सप्लाई में कमी से स्टील और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की दुर्दशा हो रही है.

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Coal Crisis: कोयले की किल्लत से स्टील और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की हालत खराब, FMCG प्रोडक्ट्स से लेकर गाड़ियां तक होंगी अब और महंगी

कोयले की सप्लाई में कमी से स्टील और एल्यूमीनियम उद्योग पर संकट

देश में कोयले के घटते स्टॉक का असर एल्यूमीनियम और स्टील उद्योग पर दिखना शुरू हो गया है. कोयले का उत्पादन काफी गिर गया है. पिछले दिनों बिजली मंत्री ने कहा था कि देश में कोयले का सिर्फ चार दिन का स्टॉक बचा है. आयातित कोयला भी काफी महंगा हो गया है. इससे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर अचानक गहरे संकट में फंस गया है.

स्टील और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की दुर्दशा

फेडरेशन आफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज ने कोयला मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोयले की सप्लाई में कमी से स्टील और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की दुर्दशा हो रही है. कोयले की कमी के कारण निजी बिजली संयंत्रों के भरोसे काम करने वाले उद्योग और छोटे-मझोले उद्योग बंद होने के कगार पर है. जो प्रोडक्ट बन रहे हैं उन पर लागतों का बोझ काफी अधिक है. यह बोझ अब उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है. इससे हर चीज महंगा होने की आशंका बढ़ गई है.

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एफएमसीजी प्रोडक्ट, दवाओं की पैकेजिंग से लेकर गाड़ियां बनाने में एल्यूमीनियम का इस्तेमाल होता है. स्टील इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों के मुताबिक एक तो कोयला काफी कम उपलब्ध है. अगर उपलब्ध भी है तो इसकी कीमत बढ़कर 2.80 प्रति मेगा/सीएएल तक पहुंच गई है, जो आम तौर पर 0.70 मेगा/सीएएल होती है. इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक घरेलू स्पंज आयरन की कीमत अब 36,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई है. तीन महीने पहले यह 27,000 रुपये प्रति टन और छह महीने पहले 22,000 रुपये प्रति टन थी.

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एल्यूमीनियम, सीमेंट और स्टील उद्योग में कोयले की ही सप्लाई आधी

गैर बिजली क्षेत्रों जैसे एल्यूमीनियम, सीमेंट और स्टील को कोल इंडिया उनकी जरूरत का आधा ही सप्लाई कर पा रही है. कोयले के रैक की सप्लाई अब हर दिन 50 से घट कर 25 रह गई है. पिछले दो महीने से ऐसी ही स्थिति है. इसलिए एल्यूमीनियम, सीमेंट और स्टील इंडस्ट्री के संयंत्रों में अब एक या दो दिन का ही कोयला बचा है. सीमेंट उद्योग के सूत्रों के मुताबिक पिछले तीन महीने में कोयले की कीमत दोगुने से भी ज्यादा हो गई है. जिस तरह से लागत बढ़ रही है उससे आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में काफी इजाफा हो सकता है.

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