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Image: Reuters
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देश के रिटेल व्यापारियों ने दिसंबर 2021 तक चीन को 1 लाख करोड़ रुपये का झटका देने की योजना बनाई है. व्यापारियों ने यह कदम चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख के बाद उठाया है. यह लेख भारत के ट्रेडर्स द्वारा चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर चलाई जा रही मुहिम को लेकर है. लेख में कहा गया है कि "चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की भारत की हैसियत नहीं है."
इस पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कैट ने चीनी अखबार की चुनौती स्वीकार की है. देश के व्यापारी एवं नागरिक मिलकर इस बहिष्कार को सफल कर के दिखाएंगे. कैट ने कहा कि चीनी अखबार ने हिंदुस्तान के स्वाभिमान को ललकारा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चीनी अखबार को इसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा. अब कैट का चीनी उत्पादों के बहिष्कार का राष्ट्रीय अभियान "भारतीय सामान-हमारा अभियान" अधिक तीव्रता के साथ देश भर में चलाया जाएगा. कैट इस अभियान को 10 जून से पूरे देश में शुरू करने जा रहा है.
चीन को हाथ से निकलता दिख रहा भारत का बाजार
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "लोकल पर वोकल" के सशक्त आवाहन को मिल रहे जबरदस्त समर्थन से चीन के लोग बौखला गए हैं. अब चीन को भारत का रिटेल बाजार अपने हाथ से निकलता नजर आ रहा है और इसीलिए चीनी अखबार ने इस तरह की निरर्थक टिप्पणी की है. इसका माकूल जवाब देश के व्यापारी और नागरिक मिल कर देंगे.
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चीनी सामान भारतीयों की बना आदत: ग्लोबल टाइम्स
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि चीनी अखबार ने प्रकाशित लेख में यह भी कहा है कि चीनी सामान का इस्तेमाल भारतीय लोगों की आदत में शामिल हो गया है और इसका बहिष्कार करना कतई संभव नहीं है. ऐसा कह कर चीनी अखबार ने भारत के व्यापारियों की शक्ति को नजरअंदाज किया है. अखबार यह भूल गया है कि हिंदुस्तानी जिसे चढ़ाना जानते हैं, उसे उतारना भी उन्हें आता है. अब चीन सहित सारी दुनिया देखेगी कि किस प्रकार भारत में चीनी उत्पादों का बहिष्कार होता है और केवल डेढ़ वर्ष के समय में यानी दिसंबर 2021 तक चीन से आयात 1 लाख करोड़ डॉलर कैसे कम होता है.
बयान में आगे कहा गया कि कैट भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य वर्ग, किसान, ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, उद्योग, हॉकर्स, उपभोक्ता सहित अन्य स्वदेशी संगठनों के साथ बातचीत कर पूरे देश में अपने अभियान को चलाएगा.