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Cooking Oil Price : कुकिंग ऑयल के दाम एक महीने में आठ से दस रुपये घटे, कीमतों में अभी और आएगी गिरावट : इंडस्ट्री

इस साल लगभग 120 लाख टन सोयाबीन हुआ है और 80 लाख टन से अधिक मूंगफली. उम्मीद है इससे खाद्य तेल की कीमतें काबू में रहेंगीं.

इस साल लगभग 120 लाख टन सोयाबीन हुआ है और 80 लाख टन से अधिक मूंगफली. उम्मीद है इससे खाद्य तेल की कीमतें काबू में रहेंगीं.

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Cooking Oil Price : कुकिंग ऑयल के दाम एक महीने में आठ से दस रुपये घटे, कीमतों में अभी और आएगी गिरावट : इंडस्ट्री

खाद्य तेल इंडस्ट्री का दावा है कि पिछले एक महीने में कुकिंग ऑयल के दाम 8-10 रुपये प्रति लीटर घटे हैं.

खाद्य तेल के दाम में पिछले एक महीने में आठ दस रुपये प्रति लीटर की कमी आई है. कुकिंग ऑयल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है कि तेल की इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती और तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ने की वजह से आने वाले दिनों में इसके दाम और तीन-चार रुपये प्रति लीटर घट सकते हैं. इंटरनेशनल मार्केट के खाद्य तेल मार्केट में मंदी का असर भी दामों पर पड़ेगा.

 'कंपनियों के दाम घटाने का पड़ा असर'

सॉल्वेंट एक्स्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पिछले कुछ महीनों में पाम ऑयल, सोया और सूरजमुखी तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफे की वजह से घरेलू मार्केट में खाने के तेल में काफी इजाफा हो गया है. SEA ने दिवाली से पहले अपने सदस्यों से तेल के दाम में यथासंभव कटौती करने की अपील की थी.इसके बाद कंपनियों ने तेल के दाम घटाए थे. इसके बाद केंद्र ने भी खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की थी.

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चतुर्वेदी ने कहा कि इन कदमों का असर पड़ा है और पिछले एक महीने में तेल के दाम में 8 से 10 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है.  उन्होंने कहा कि SEA ने दाम घटाने की अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया जताई और इसमें कटौती की. इसके पहले भी SEA के मेंबर दाम घटाने की अपील करने पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते रहे हैं.

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सोयाबीन और मूंगफली की बंपर फसल से दाम रहेंगे काबू?

चतुर्वेदी ने कहा कि इस साल लगभग 120 लाख टन सोयाबीन हुआ है और 80 लाख टन से अधिक मूंगफली. उम्मीद है इससे खाद्य तेल की कीमतें काबू में रहेंगीं. उन्होंने कहा कि सरसों तेल के खली की इतनी अधिक मांग है कि किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. इसलिए इसकी सप्लाई अच्छी रही है. किसानों ने अब तक के सबसे अधिक रकबे (करीब 77.62 लाख हेक्टेयर) में सरसों की बुवाई की है. यह आंकड़ा पहले के मुकाबले लगभग 30 फीसदी ज्यादा है और आने वाले वर्ष में घरेलू सरसों तेल की उपलब्धता आठ से दस लाख टन तक बढ़ सकती है.जाहिर है तेल की कीमतें काबू होने में इससे मदद मिलेगी.

Ruchi Soya Industries Edible Oil