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कोर सेक्टर की ग्रोथ धीमी पड़ी
नवंबर ( November 2021) में कोर सेक्टर ( Core Sector) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. इस महीने कोर सेक्टर में सिर्फ 3.1 फीसदी ग्रोथ रही. यह ग्रोथ फेस्टिवल सीजन के दौरान मांग में आई थोड़ी रफ्तार के बाद वापस पुरानी स्थिति में लौटने का संकेत है. अक्टूबर में कोर सेक्टर की आउटपुट ग्रोथ (Core Sector Output growth) 8.1 फीसदी रही थी. हालांकि नवंबर 2020 की तुलना में नवंबर 2021 की ग्रोथ अच्छी मानी जाएगी. 2020 में यह ग्रोथ घट कर 1.1 फीसदी रह गई थी.
निराशाजनक आंकड़े
ताजा आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में कोल सेक्टर की ग्रोथ 8.2 फीसदी रही. वहीं नेचुरल गैस में ग्रोथ 23.7 फीसदी रही. रिफाइनरी प्रोडक्ट में 4.3 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई. फर्टिलाइजर, स्टील और बिजली सेक्टर की ग्रोथ क्रमश: 2.5, 0.8 और 1.5 फीसदी रही. मौजूदा वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों यानी अप्रैल से नवंबर 2021 तक कोर सेक्टर का ग्रोथ रेट 13.7 फीसदी रहा. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कोर सेक्टर के आठ उद्योगों की ग्रोथ रेट -11.1% की गिरावट दर्ज की गई थी. कोर सेक्टर के उद्योगों में कोयला कोयला (Coal), कच्चा तेल (Crude Oil), प्राकृतिक गैस (Natural Gas), रिफाइनरी प्रोडक्ट (Refinery Product), कच्चा तेल, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल है.
एक्सपर्ट्स बोले, पूंजीगत व्यय बढ़ाए सरकार
कोर सेक्टर के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स (Care Ratings) के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि लो बेस इफेक्ट के बावजूद कोर सेक्टर के प्रदर्शन ने निराश किया है. साफ है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में गतिविधियां धीमी हैं.सीमेंट और स्टील दोनों सेक्टरों में खास रफ्तार नहीं है. यह आईआईपी ग्रोथ और निवेश के लिए कहीं से भी ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पूंजीगत व्यय बढ़ाने की जरूरत है जो पिछले साल के बजट के 58 फीसदी की तुलना में 49 फीसदी से नीचे चल रहा है.
रेटिंग एजेंसी ICRA के चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि सीमेंट, क्रूड ऑयल और रिफाइनरी प्रोडक्ट तीनों का उत्पादन नवंबर 2019 की तुलना में गिरा है.