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इंडियालैंड्स की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे दर्जे के शहरों से अधिक कर्ज आवेदन आए.
कोरोना महामारी के चलते बहुत से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उनके रोजगार पर संकट आया. कुछ लोगों के रोजगार चले गए. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम का चलन तेजी से बढ़ा. पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए लोगों ने कर्ज लिए. सबसे अधिक लोन एप्लीकेशन राजधानी दिल्ली से आए. दिल्ली में 31 फीसदी कर्ज आवेदन वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर जैसी घरेलू उपयोग की चीजें खरीदने के लिए आए, वहीं 25 फीसदी कर्ज आवेदन महामारी के कारण सामने आए स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आए. यह आंकड़ा इंडिया स्पेंड्स द्वारा प्रथम और द्वितीय श्रेणी के शहरों में 25 मार्च 2020 से 20 मार्च 2021 के बीच 21 से 55 वर्ष के करीब डेढ़ लाख कर्ज लेने वालों से संकलित किए गए डाटा पर बनाए गए रिपोर्ट बॉरोअर पल्स रिपोर्ट पर आधारित है. रिपोर्ट के लिए 10 हजार से 50 लाख रुपये तक के कर्ज आवेदन को शामिल किया गया.
देश की आर्थिक राजधानी की बात करे तो मुंबई में 27 फीसदी लोगों ने अपना खुद का व्यापार शुरू करने के लिए पर्सनल लोन लेना पसंद किया जबकि वर्क फ्रॉम होम के चलते 15 फीसदी ने लैपटॉप, टेबलेट जैसे इलेक्ट्रोनिक उपकरण खरीदने के लिए कर्ज लिया. मुंबई के 17 फीसदी लोगों ने दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदने के लिए कर्ज लिया.
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हर शहर के लिए कर्ज आवेदन की अलग प्राथमिकताएं
- दिल्ली में 31 फीसदी कर्ज आवेदन वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर जैसी घरेलू उपयोग की चीजें खरीदने के लिए आए, वहीं 25 फीसदी कर्ज आवेदन महामारी के कारण सामने आए स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आए.
- बंगलुरू में 28 फीसदी कर्ज आवेदन इलेक्ट्रोनिक उपकरण खरीदने के लिए आए, वहीं 12 फीसदी कर्ज आवेदन खुद की दक्षता बढ़ाने वाले कोर्स करने के लिए आए. इसका अर्थ यह है कि काफी लोगों ने खाली समय का उपयोग खुद की दक्षता बढ़ाने के लिए किया.
- चेन्नई में 19 फीसदी कर्ज आवेदन दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदने के लिए आए, वहीं 17 फीसदी लोगों ने स्मार्ट टीवी, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रोनिक उपकरण खरीदने के लिए कर्ज मांगा.
- हैदराबाद में 20 फीसदी ने अपने चिकित्सा खर्चो को पूरा करने के लिए कर्ज मांगा, वहीं 15 फीसदी ने अपनी दक्षता बढ़ाने वाले कोर्स करने के लिए कर्ज मांगा.
दूसरे दर्जे के शहरों से अधिक कर्ज आवेदन
इंडियालैंड्स की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे दर्जे के शहरों से अधिक कर्ज आवेदन आए. प्रथम श्रेणी के शहरों से जहां 46 फीसदी कर्ज आवेदन आए हैं, वहीं द्वितीय श्रेणी के शहरों से 54 फीसदी कर्ज आवेदन प्राप्त हुए. द्वितीय श्रेणी के शहरों में सबसे ज्यादा कर्ज आवेदन कोयम्बटूर, चंडीगढ़, लखनऊ, इंदौर और कोच्चि से आए हैं. सर्वे के मुताबिक विवाह व यात्रा के खर्च में गिरावट आई है. देश भर में 25 फीसदी लोगों ने अपना खुद का व्यापार शुरू करने के लिए पर्सनल लोन लिया, वहीं 18 फीसदी ने अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने और 17 फीसदी ने दोपहिया या चैपहिया वाहन खरीदने के लिए कर्ज लिया और इनमें से ज्यादातर कर्ज कोविड-19 महामारी के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों की कारण लिए गए.