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कोरोना वायरस की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होने की आशंका है.
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कोरोना वायरस की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होने की आशंका है. इस वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते थिएटर बंद कर दिए गए हैं, शूटिंग्स रोक दी गई हैं, बड़ी फिल्मों की रिलीज को आगे बढ़ा दिया गया है. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि वायरस के बॉलीवुड पर पड़ रहे असर की वजह से फिल्म इंडस्ट्री को 300 से 800 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ट्रेड के जानकार तरन आदर्श ने कहा कि मौजूदा समय पर नुकसान 500 से 800 करोड़ रुपये हो सकता है. एक दूसरे जानकार ने कहा कि मौजूदा स्थिति की वजह से इंडस्ट्री को मौजूदा साल की पहली तिमाही में लगभग 350 करोड़ का नुकसान हो सकता है. अन्य लोगों ने कोई आंकड़ा नहीं बताया लेकिन वह इस बात पर सहमत थे कि यह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए संकट है.
फिल्म इंडस्ट्री के लिए सबसे बुरा समय: भूषण कुमार
टी सीरीज के हेड भूषण कुमार ने बताया कि यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए सबसे बुरा समय है. जहां तक इंडस्ट्री का सवाल है, तो इससे कारोबार पर असर हो रहा है. उनके मुताबिक अभी कोई आंकड़ा सामने रखना जल्दबाजी होगी लेकिन अभी स्थिति सामान्य कब होगी, यह जानकारी नहीं है.
शुभ मंगल ज्यादा सावधान के निर्माता ने बताया कि खतरा कम होने पर फिल्मों के रिलीज होने के समय में बदलाव होगा. उन्होंने कहा कि वे अपनी फिल्मों को शिफ्ट करेंगे जिससे पहले रिलीज होने वाली फिल्मों को जगह मिले. उनके मुताबिक कोई सही जवाब मौजूद नहीं है. जिस हिसाब से मामले बढ़ रहे हैं, उससे यह बंद की स्थिति 15 अप्रैल तक जारी रह सकती है.
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दिहाड़ी मजदूरों के लिए राहत कोष की स्थापना
चमेली और हजारों ख्वाहिशें ऐसी जैसी फिल्मों के लिए मशहूर निर्माता सुधीर मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अपने 35 साल के फिल्मी करियर में ऐसा पहला संकट देखा है. उन्होंने कहा कि मनोरंजन संवेदनशील कारोबार है क्योंकि लोग समूहों में काम करते हैं और रेवेन्यू आपके काम को देखने आने वाले लोगों पर निर्भर करता है. जो फिल्में रिलीज होने वाली थीं, उन पर असर हुआ है, इसके साथ ही जिन फिल्मों की शूटिंग चल रही है, उन पर भी. यह एक संकट है.
मिश्रा ने बताया कि सभी लोग कह रहे हैं कि यह 31 मार्च तक चलेगा. हमें कैसे पता कि यह आखिर में अंत हो जाएगा और चीजें सामान्य हो जाएंगी. ऐसा हो सकता है कि लंबा समय लगे. नुकसान बड़ा है. हम छह महीने के लिए बने रह सकते हैं लेकिन दिहाड़ी मजदूरों को बहुत कष्ट झेलना पड़ेगा. हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए.
प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया ने दिहाड़ी मजदूरों के लिए एक रिलीफ फंड तैयार किया है, जिसे मिश्रा, विक्रमगदित्य मोटवाने, अनुराग कश्यप और अनुभव सिन्हा के सुझाव पर शुरू किया गया.