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COVID-19: ऑटो सेक्टर के लिए आगे मुश्किल भरे दिन, FY22 से ही रिकवरी संभव; क्वालिटी शेयरों पर रखें नजर

लंबे समय से मांग में कमी और BS4 से BS6 ट्रांसमिशन का दबाव झेल रहे ऑटो सेक्टर की लॉकडाउन ने हालत बिगाड़ दी है.

लंबे समय से मांग में कमी और BS4 से BS6 ट्रांसमिशन का दबाव झेल रहे ऑटो सेक्टर की लॉकडाउन ने हालत बिगाड़ दी है.

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Sushil Tripathi
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लंबे समय से मांग में कमी और BS4 से BS6 ट्रांसमिशन का दबाव झेल रहे ऑटो सेक्टर की लॉकडाउन ने हालत बिगाड़ दी है.

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लंबे समय से मांग में कमी और BS4 से BS6 ट्रांसमिशन का दबाव झेल रहे ऑटो सेक्टर की लॉकडाउन ने हालत बिगाड़ दी है. लॉकडाउन की वजह से कंपनियों का प्रोडक्शन ठप पड़ा हुआ है. शोरूम बंद है, मांग बिल्कुल नहीं है. ऐसे में आने वाले दिन सेकटर के लिए अभी मुश्किल भरे रह सकते हैं. न सिर्फ मार्च तिमाही बल्कि आगे भी कम से कम 2 तिमाही कंपनियों की अर्निंग पर दबाव रहेगा. हालांकि इस बीच स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिल सकता है. मारुति, आयशर मोटर्स, मदरसन सूमी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एस्कार्ट जैसे शेयर आगे ग्रोथ दिखा सकते हैं.

वित्त वर्ष 2022 में ही रिकवरी

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ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक, सेक्टर के लिए यह दौर बहुत बुरा साबित हो रहा है. पिछले कई तिमाही से सेक्टर को मांग में कमी का सामना करना पड़ रहा था. बीएस 6 ट्रांसमिशन के चलते भी मांग में कमी आई. ऐसे में पिछले फाइनेंशियल में कंपनियों के प्रोडक्शन पर बुरा असर पड़ा है. वहीं अब लॉकडाउन में हालत और खराब है. शोरूम बंद हैं, कंपनियों में काम ठप पड़ा हुआ है. कोविड 19 को लेकर आगे भी अनिश्चितता है कि काम कब सही से शुरू होगा और मांग कब पटरी पर आएगी. ब्रोकरेज के अनुसार सेक्टर में वित्त वर्ष 2022 में ही रिकवरी शुरू होगी, जब अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगेगी.

अभी निगेटिव रहेगी ग्रोथ

प्रभुदास लीलाधर के अनुसार, आटो सेक्टर को देश में पहले से ही चल रहे स्लोडाउन का सामना करना पड़ रहा था. अब लॉकडाउन ने आगे की चुनौती बढ़ा दी है. कोविड 19 की वजह से आटो डिमांड बेहद कमजोर है, आगे भी आम लोगों पर वित्तीय असर पड़ने से बॉइंग सेंटीमेंट कमजोर रहेगा. ब्रोकरेज ने FY21/FY22 के लिए EPS में 10-35 फीसदी की कटौती की है. इस दौरान वॉल्यूम में 12-13 फीसदी कमी आ सकती है. कंपनियों का EBIT भी कम रहेगा. ब्रोकरेज ने प्राइवेट व्हीकल, टू व्हीलर, कमर्शियल व्हीकल और ट्रैक्टर इंडस्ट्री की ग्रोथ 8 फीसदी, 10 फीसदी, 10 फीसदी और 5 फीसदी निगेटिव रहने की आशंका जताई है.

प्रभुदास लीलाधर ने मारुति सुजुकी, आयशर मोटर्स, मदरसन सूमी में निवेश करने की सलाह दी है. जबकि अशोक लेलैंड और सिएट टायर्स को एक्यूमुलेट करने की सलाह दी है. वहीं, बजाज आटो से अभी दूर रहने की सलाह दी है.

आने वाले दिन मुश्किल भरे

ब्रोकरेज हाउस CLSA के अनुसार, आने वाले दिन ऑटो सेक्टर के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे रह सकते हैं. लॉकडाउन का बुरी तरह से असर कंपनियों के मुनाफे पर पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन ठप है. अभी पहले से पड़ी इन्वेट्री ही क्लीयर होने में लंबा वक्त लग सकता है. ऐसे में निवेशकों को आटो सेक्टर में ग्रोथ नहीं बल्कि वैल्यू प्लेयर की तरफ शिफ्ट करना चाहिए. CLSA ने बजाज ऑटो, हीरो मोटो और M&M की सेल से रेटिंग बढ़कर बॉय कर दी है.