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देश की आर्थिक गतिविधियों को लगा है तगड़ा झटका, हालात सुधरने में लगेगा एक साल से ज्यादा: CII

CII ने रविवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का एक सर्वे जारी किया.

CII ने रविवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का एक सर्वे जारी किया.

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PTI
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Coronavirus, COVID19 Impact: Business activities significantly hit; recovery may take over a year: CII survey

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Coronavirus, COVID19 Impact: Business activities significantly hit; recovery may take over a year: CII survey Image: PTI

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. सीआईआई ने रविवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का एक सर्वे जारी किया. सर्वे में शामिल 65 फीसदी कंपनियों का मानना है कि अप्रैल-जून की तिमाही में उनकी आमदनी में 40 फीसदी से अधिक की गिरावट आएगी. सर्वे के नतीजों से निष्कर्ष निकलता है कि देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती लंबी रहने वाली है. सर्वे में शामिल 45 फीसदी सीईओ ने कहा कि राष्ट्रव्यापी बंद हटने के बाद अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक साल से अधिक का समय लगेगा.

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इस सर्वे में 300 से अधिक सीईओ की राय ली गई. इनमें से 66 फीसदी से अधिक सीईओ सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र के हैं. जहां तक करियर और आजीविका का सवाल है, आधी से ज्यादा कंपनियों का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद उनके संबंधित क्षेत्रों में कर्मचारियों की छंटनी होगी. करीब 45 फीसदी ने कहा कि 15 से 30 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ेगी. सर्वे में शामिल 66 फीसदी यानी दो-तिहाई लोगों का कहना था कि अभी तक उनकी कंपनी में वेतन-मजदूरी में कटौती नहीं हुई है. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी बंद है.

50% का कहना, कम मांग सबसे बड़ी चुनौती

पिछले दिनों सरकार ने बंद को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया है. CII ने कहा कि बंद से आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा है. पूरे वित्त वर्ष 2020-21 की बात की जाए, तो सर्वे में शामिल 33 फीसदी कंपनियों की राय है कि पूरे साल में उनकी आमदनी में 40 फीसदी से अधिक की गिरावट आएगी. 32 फीसदी कंपनियों ने कहा कि उनकी आय में 20 से 40 फीसदी की कमी आएगी. सर्वे में शामिल चार में से तीन कंपनियों का कहना था कि परिचालन पूरी तरह बंद होना उनके लिए सबसे बड़ी बाधा है. वहीं 50 फीसदी से अधिक कंपनियों ने कहा कि उत्पादों की मांग में कमी कारोबारी गतिविधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

इंडस्ट्री को प्रोत्साहन पैकेज की बेहद ज्यादा जरूरत

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस पर काबू के लिए लॉकडाउन जरूरी है. लेकिन इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. आज समय की मांग है कि उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए, जिससे आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सके और आजीविका को बचाया जा सके.’’ बनर्जी ने कहा कि इसके अलावा लॉकडाउन से सोच-विचार कर बाहर निकलने की तैयारी करनी चाहिए.

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