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ओला (Ola) ने मुसाफिरों की सुरक्षा के लिए अगले साल के दौरान 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.
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कोरोना वायरस महामारी की वजह से लोगों सार्वजनिक जगहों पर जाने से अभी भी बच रहे हैं और उन्हें घर से बाहर निकलने पर अपनी सुरक्षा को लेकर डर बना हुआ है. अब अनलॉक-1 लागू किया गया है जिसके तहत लोगों को बहुत सी रियायतें दी गई हैं. इस बीच लोगों को इस वायरस से बचने के लिए तमाम सावधानियां बरतना जरूरी है. कंपनियां भी अपनी ओर से इस दिशा में कदम उठा रही हैं. अब कैब राइड प्रोवाइडर कंपनी ओला (Ola) ने मुसाफिरों की सुरक्षा के लिए अगले साल के दौरान 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.
200 शहरों में दोबारा शुरू हुई सेवाएं
कंपनी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि वह इस राशि को वैश्विक तौर कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में सुरक्षा को बढ़ाने के लिए लगाएगी. कंपनी ने बताया कि उसने देश भर में अपने ऑपरेशन को दोबारा से शुरू कर दिया है और वह बढ़े हुए सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ 200 से ज्यादा शहरों में अब उपलब्ध है. कंपनी ने अपनी नई हल राइड सेफ इंडिया को पेश किया और कहा कि वह अपने ड्राइवर पार्टनर्स और मुसाफिरों को महामारी के खिलाफ लॉकडाउन के बाद सुरक्षित और विश्वसनीय मोबिलिटी अनुभव देगी.
कंपनी के मुताबिक, राइड सेफ इंडिया का मकसद ग्राहकों और ड्राइवर पार्टनर्स को सुरक्षा के साथ रोकथाम और सैनिटाइजेशन प्रोटोकॉल के ऊंचे मानकों की सुविधा देना है. इसमें ओला के तार पहिया वाहन, तीन पहिया वाहन और दो पहिया वाहन सभी शामिल होंगे. कंपनी ने बताया कि ज्यादातर बड़े शहरों में ओला की सेवाएं पिछले हफ्ते शुरू हो गई हैं.
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कंपनी द्वारा सेफ्टी के लिए प्रावधान
इसे देखते हुए देशभर में कंपनी ने अलग-अलग हॉटस्पॉट और एयपोर्ट्स पर 500 से ज्यादा फ्यूमिगेशन सेंटर्स के नेटवर्क को स्थापित किया है. इससे सभी वाहनों को हर 48 घंटे में फ्यूमिगेशन को अनिवार्य किया है. कंपनी ने बताया कि इसके साथ हर राइड के बाद ड्राइवरों को रूटिन वाइप डाउन और वाहन के ज्यादा छूए जाने वाली जगहों का सैनिटाइजेशन भी करना होगा.
इसके अलावा कंपनी ने बताया कि वह ड्राइवर की सुरक्षा पर भी ध्यान देगी. इसके लिए उसने ट्रेनिंग मोड्यूल और सर्टिफिकेशन को पेश किया है. कंपनी के मुताबिक इसमें रोजाना तापमान चेक करना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही मास्क पहनने का वेरिफिकेशन करने के लिए सेल्फी ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म का इस्तेमाल होगा. इसके साथ ड्राइवरों के लिए ऑरोग्य सेतु ऐप के साथ इंटिग्रेशन जरूरी होगा.