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रतन टाटा की अगुवाई में टाटा ग्रुप की कंपनियां कोरोना वायरस के खिलाफ शामिल हो गई है.
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रतन टाटा (Ratan Tata) की अगुवाई में टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनियां कोरोना वायरस के खिलाफ शामिल हो गई है. टाटा ट्रस्ट (Tata Trust), टाटा संस (Tata Sons) और टाटा ग्रुप की कंपनियां मिलकर कोरोना वायरस के राहत कोष में 1500 करोड़ रुपये देंगी. रतन टाटा ने ट्वीट कर बताया कि टाटा ट्रस्ट ने कोरोना से निपटने के लिए 500 करोड़ का एलान किया है. टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स ने अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये की मदद का एलान किया. कुल मिलाकर टाटा ट्रस्ट और टाटा संस की ओर से अब तक 1500 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की जा चुकी है.
टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि इस फंड का इस्तेमाल मेडिकल कर्मियों को सुरक्षा के लिए उपकरण, बढ़ते हुए मामलों के इलाज के लिए रेसपिरेटरी सिस्टम, देश में टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए टेस्टिंग किट और जो लोग वायरस से संक्रमित हैं, उनके लिए इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए होगा. ग्रुप ने यह भी कहा है कि वह स्वास्थ्य कर्मियों और आम लोगों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए ट्रेनिंग देगा.
रतन टाटा ने राहत कोष का एलान करते हुए कहा कि कोविड-19 के संकट से लड़ने के लिए तुरंत इमरजेंसी में संसाधनों को लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह मानव जाति के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. इससे पहले भी रतन टाटा समाज की बेहतरी के लिए कई चीजों से जुड़ चुके हैं.
Tata Sons contributes additional Rs 1000 Crores to fight #COVID19. https://t.co/GVEvL1rHYRpic.twitter.com/Iy4vX4Fv2g
— ANI (@ANI) March 28, 2020
कई उद्योगपति मदद के लिए आगे आए
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए और स्वास्थ्य कर्मचारियों के सामने आई चुनौती की वजह से, कुछ दूसरे उद्योगपति भी संकट की इस स्थिति में लोगों की मदद करने के लिए सामने आए हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा ने इससे पहले महिंद्रा के रिजॉर्ट्स को संक्रमित लोगों की केयर फैसिलिटी के तौर पर इस्तेमाल करने की पेशकश की थी. महिंद्रा ग्रुप वेंटिलेटर उपलब्ध कराने पर भी काम कर रहा है जो संक्रमित लोगों के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण है.
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मुकेश अंबानी ने भी मदद का किया था एलान
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इससे पहले एलान किया था कि कंपनी आइसोलेशन सेंटरों की स्थापना की है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी ने एक अस्पताल की भी स्थापना और महाराष्ट्र सरकार के राहत कोष में 5 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है. कुछ FMCG कंपनियों जैसे ITC, HUL, RB और गोदरेज ने भी सरकार को मैटिरियल और मोनेटरी मदद देने का वादा किया है.