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यह गिरावट सालाना आधार पर है. Image: Reuters
कोविड19 (COVID-19) से पैदा हुई रुकावटों और उच्च कीमतों के चलते भारत में सोने की मांग जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 30 फीसदी गिरी और यह 86.6 टन पर आ गई. यह गिरावट सालाना आधार पर है. यह बात वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने Q3 गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट में कही है. 2019 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 123.9 टन रही थी.
कीमत में आंकें तो सितंबर तिमाही में सोने की मांग 4 फीसदी गिरकर 39,510 करोड़ रुपये की रही, जबकि 2019 की समान तिमाही में यह 41300 करोड़ रुपये की रही थी.
जून तिमाही से ज्यादा रही
WGC के मैनेजिंग डायरेक्टर, इंडिया सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि हालांकि सितंबर तिमाही में सोने की मांग अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले ज्यादा रही. जून तिमाही में 64 टन सोने की मांग निकली थी, जो सालाना आधार पर 70 फीसदी की गिरावट थी और हमारी तिमाही सीरीज में दूसरी सबसे कम मांग थी. अगस्त में लॉकडाउन में ढील और सोने की कीमत थोड़ी नीचे आने से खरीदी की थोड़ी गुंजाइश बनी.
ज्वैलरी की मांग 48% गिरी
इस बीच भारत में ज्वैलरी की कुल मांग 48 फीसदी गिरकर 52.8 टन पर आ गई, जो पिछले साल सितंबर तिमाही में 101.6 टन पर रही थी. कीमत में ज्वैलरी की मांग 29 फीसदी गिरकर 24100 करोड़ रुपये की रही, जो जुलाई-सितंबर 2019 में 33850 करोड़ रुपये की रही थी. सितंबर तिमाही में कुल निवेश मांग 52 फीसदी बढ़कर 33.8 टन पर पहुंच गई, जो 2019 की समान तिमाही में 22.3 टन थी. कीमत में आंकें तो गोल्ड इन्वेस्टमेंट डिमांड 107 फीसदी बढ़कर 15410 करोड़ रुपये की रही, जो 2019 की सितंबर तिमाही में 7450 करोड़ रुपये की रही थी.
सोमासुंदरम का कहना है कि मानसून, पितृ पक्ष और अधिक मास जैसे फैक्टर्स के चलते सितंबर तिमाही अपेक्षाकृत मंद रही है. ज्वैलरी की मांग 48 फीसदी गिरी क्योंकि त्योहार या शादी न होने से इसकी खरीद को समर्थन नहीं मिला. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनकर बाहर निकलना आदि प्रतिबंधों की वजह से रिटेल स्टोर्स में ग्राहकों की आवाजाही कम रही.
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ज्वैलर्स ने बढ़ाया डिजिटल इंगेजमेंट
उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के महीनों में जो दिलचस्प बदलाव दिखा, वह यह था कि टॉप ज्वैलर्स ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई टेक इनीशिएटिव्स की मदद से डिजिटल इंगेजमेंट बढ़ाया. वॉलेट के जरिए गोल्ड बेचने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने बिक्री में अच्छी तेजी दर्ज की. साथ ही गोल्ड ईटीएफ में भी अच्छी गतिविधि देखने को मिली. सोमासुंदरम का कहना है कि आगे की बात करें तो हम अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सोने की मांग में तेजी देख रहे हैं, जिसकी वजह दशहरा, धनतेरस व अन्य त्योहारों के साथ आगामी शादियों का सीजन है.