/financial-express-hindi/media/post_banners/2YGGU8miVW5aEwrspEDK.jpg)
अप्रैल-जून तिमाही में भारत में मकानों के दाम पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले करीब दो फीसदी गिरे हैं.
भारत में कोरोना वायरस महामारी का असर रियल एस्टेट सेक्टर पर भी हुआ है. देश में घर खरीदना सस्ता हो गया है. अप्रैल-जून तिमाही में भारत में मकानों के दाम पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले करीब दो फीसदी गिरे हैं. मकानों की कीमत वृद्धि के मामले में भारत की रैकिंग अप्रैल-जून तिमाही में 11 पायदान गिरकर 54 रह गई है. ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 2020 की पहली तिमाही जनवरी-मार्च में भारत 43वें स्थान पर था. ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी नाइट फ्रैंक की ‘ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स अप्रैल-जून 2020’ में 56 देशों की रैकिंग की गई है. रिपोर्ट में देश की रैकिंग गिरने की बड़ी वजह अप्रैल-जून तिमाही में आवासों की कीमत पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 1.9 फीसदी गिरना बताई गई है.
साल 2019 की इसी अवधि से तुलना करने पर साल 2020 की दूसरी तिमाही में सालना रैकिंग में तुर्की सबसे ऊपर रहा. यहां आवास कीमत में सालाना आधार पर 25.7 फीसदी की बढ़त देखी गई. इसके बाद 13.9 फीसदी की वृद्धि के साथ लक्जमबर्ग और 12.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ लिथुआनिया तीसरे स्थान पर रहा.
1600 से ज्यादा भारतीय कंपनियों में लगा है चीन का 1 अरब डॉलर, राज्यसभा में सरकार का खुलासा
हांगकांग में घरों की कीमतों में सबसे बड़ी गिरावट
समीक्षावधि में सबसे बुरा प्रदर्शन हांगकांग का रहा है. यहां आवास की कीमत में सालाना आधार पर 2.8 फीसदी की गिरावट रही. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिशिर बैजल ने कहा कि देश के अधिकतर बाजारों में आवास क्षेत्र कमजोर मांग से जूझ रहा है. कोविड-19 महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी ने रियल एस्टेट क्षेत्र पर बुरा असर डाला है. रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल देशों में से 9 फीसदी में सालाना आधार पर मकानों के दाम घटे हैं. शीर्ष स्थान पाने वाले दस देशों में से आठ स्थान यूरोपीय देशों को मिले हैं.