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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को सूचीबद्ध कराने और IDBI बैंक में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का काम अगले वित्त वर्ष तक के लिए टल सकता है. कोविड-19 संकट के चलते बाजार मूल्यांकन नीचे रहने की वजह से यह काम अब वित्त वर्ष 2021-22 में होने की संभावना है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में LIC को सूचीबद्ध कराने और IDBI बैंक में हिस्सेदारी बेचकर 90,000 करोड़ रुपये के विनिवेश की योजना बनायी थी.
यह सरकार के 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य का अहम हिस्सा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का आम बजट पेश करते हुए चालू वित्त वर्ष में LIC का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की घोषणा की थी.
चालू वित्त वर्ष में LIC का IPO आना मुश्किल
सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 महामारी संकट के बाद बाजार हालातों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में LIC का आईपीओ आना मुश्किल लग रहा है. इसके अलावा बाजार में LIC के आईपीओ को उतना अच्छा अभिदान मिलने की संभावना कम है. LIC में सरकार की 100 फीसदी और IDBI बैंक में 46.5 फीसदी हिस्सेदारी है.
BPCL के विनिवेश की समयसीमा दूसरी बार बढ़ी
कोविड-19 के चलते सरकार ने हाल में देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी फ्यूल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के विनिवेश की समय सीमा भी दूसरी बार बढ़ा दी है. अब इसे 31 जुलाई तक कर दिया गया है जो पहले 30 जून थी.