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COVID-19 इंपैक्ट: जून तिमाही में BSE पर लिस्टेड 155 नॉन-BFSI कंपनियों को 4.39 लाख करोड़ का रेवेन्यु लॉस- EY India

इसकी वजह कोविड19 और उसके परिणामस्वरूप पैदा हुए मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स का ​कारोबार पर पड़ा प्रभाव है.

इसकी वजह कोविड19 और उसके परिणामस्वरूप पैदा हुए मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स का ​कारोबार पर पड़ा प्रभाव है.

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PTI
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COVID-19 woes: 155 non-BFSI companies listed on BSE post Rs 4.39 lakh cr revenue loss in June qtr

BSE पर लिस्टेड 155 टॉप नॉन-BFSI कंपनियों ने जून तिमाही में कुल मिलाकर 4.39 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यु लॉस दर्ज किया है. इसकी वजह कोविड19 और उसके परिणामस्वरूप पैदा हुए मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स का ​कारोबार पर पड़ा प्रभाव है. यह बात दिग्गज कंसल्टेंसी कंपनी EY India ने अपनी रिपोर्ट में कही है. BFSI से अर्थ है बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस.

यह रिपोर्ट जून तिमाही के विश्लेषण पर बेस्ड है. इसमें 13 सेक्टर्स की BSE पर लिस्टेड टॉप 200 कंपनियों के जून तिमाही में रेवेन्यु की मार्च तिमाही में रेवेन्यु से तुलना की गई है. इन 13 सेक्टर्स में एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी, एविएशन, कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स एंड रिटेल, पावर, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल भी हैं. रिपोर्ट में कोविड19 से पैदा हुई रुकावटों का कंपनियों के रिपोर्टिंग कैलेंडर, मुनाफे, वित्तीय प्रदर्शन, लिक्विडिटी, डिस्क्लोजर और अन्य प्रमुख पैरामीटर्स पर असर का मूल्यांकन किया गया है.

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EY ने कहा है कि नॉन-BFSI सेक्टर्स में परिचालन करने वाली 155 BSE 200 कंपनियों ने जून 2020 तिमाही में 4,39,714 करोड़ रुपये का रेवेन्यु लॉस दर्ज किया. आकलन के मुताबिक, नॉन-BFSI सेक्टर्स की अधिक​तर कंपनियों ने अगर सभी पर नहीं तो कुछ प्रमुख वित्तीय संकेतकों जैसे EBITDA, रेवेन्यु, इंट्रेस्ट सर्विस कवरेज, मुनाफा और अर्निंग प्रति शेयर पर मैटेरियल इंपैक्ट का अनुभव किया.

लाइफ साइंसेज सेक्टर ने दर्ज की ग्रोथ

आगे कहा गया कि जून तिमाही के दौरान केवल लाइफ साइंसेज ही ऐसा सेक्टर रहा, जिसने रेवेन्यु में मार्च तिमाही के मुकाबले मामूली ही सही लेकिन ग्रोथ दर्ज की. हालांकि कुछ सेक्टर्स ने रेवेन्यु लॉस के बावजूद EBITDA में बढ़ोत्तरी दर्ज की. इसकी वजह कॉस्ट कन्जर्वेशन उपाय और अन्य मैक्रो इकोनॉमिक फैक्टर्स में बदलाव रहे. BFSI सेक्टर्स में परिचालन करने वाली BSE-200 कंपनियों में से 45 ने रेवेन्यु में ग्रोथ दर्ज की जो कि बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए गए लोन पर हासिल लोअर इंट्रेस्ट के रूप में थी.

Bse