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दूर होगी वैक्सीन की कमी! सीरम और भारत बायोटक की बड़ी तैयारी; अगस्त से 17.8 करोड़ मंथली टीके का उत्पादन

Covid-19 Vaccine in India: सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने अगले 4 महीने की अपनी उत्पादन योजना केंद्र सरकार को सौंपी है.

Covid-19 Vaccine in India: सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने अगले 4 महीने की अपनी उत्पादन योजना केंद्र सरकार को सौंपी है.

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FE Online
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Covid-19 Vaccine in India

Covid-19 Vaccine in India: सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने अगले 4 महीने की अपनी उत्पादन योजना केंद्र सरकार को सौंपी है.

Covid-19 Vaccine in India: कई राज्यों की तरफ से कोविड-19 टीकों की कमी की जानकारी देने के बीच सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने अगले 4 महीने की अपनी उत्पादन योजना केंद्र सरकार को सौंपी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार योजना में यह कहा गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट अगस्त से हर महीने 10 करोड़ वेक्सीन बनाएगी. वहीं भारत बॉयोटेक का अगस्त से हर महीने 7.8 करोड़ वैक्सीन बनाने का प्लान है. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत के औषध महानियंत्रक कार्यालय ने दोनों कंपनियों से जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए उनकी उत्पादन योजना मांगी थी. फिलहाल तबतक देश में वैक्सीन की इसी तरह से कमी बनी रह सकती है.

कंपनियों ने दी ये जानकारी

भारत बायोटेक ने सरकार को जानकारी दी है कि कोवैक्सिन का उत्पादन जुलाई में 3.32 करोड़ और अगस्त में 7.82 करोड़ हो जाएगा. यह सितंबर में भी बरकरार रहेगा. इसी तरह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जानकारी दी है कि कोविशिल्ड का उत्पादन अगस्त में 10 करोड़ खुराक तक बढ़ जाएगा और सितंबर में उस स्तर पर बनाए रखा जाएगा. बता दें कि अगस्त महीने तक रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-वी का भी भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. वहीं, जायडस-कैडिला की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने की स्थिति में वह भी आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकेगी. ऐसा होता है तो अगस्त के बाद से देश में वैक्सीन की किल्लत दूर हो सकती है.

राज्यों में अभी भारी किल्लत

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फार्मास्यूटिकल्स विभाग में संयुक्त सचिव, रजनीश तिंगल, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ मनदीप भंडारी को शामिल कर बनाए गए अंतर मंत्रालयी समूह ने अप्रैल में सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक दोनों के उत्पादन केंद्रों का दौरा किया था. इस समूह का गठन घरेलू स्तर पर टीका उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने में सुविधा देने के लिए किया गया था. दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कोरोना वायरस रोधी टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदा का विकल्प चुनने का फैसला किया है क्योंकि घरेलू आपूर्ति बढ़ती मांग के चलते कम पड़ रही है.

और भी कंपनियों की वैक्सीन हो सकती है उपलब्ध

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो जुलाई-अगस्त तक कई और वैक्सीन भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध होंगी. इनमें स्पुतनिक-वी सबसे प्रमुख है. रूस ने जून-जुलाई तक 1.8 करोड़ डोज स्पुतनिक-वी भारत भेजने का एलान किया है. वहीं वह भारत में छह कंपनियों के साथ 85 करोड़ सालाना के उत्पादन का समझौता भी कर चुका है. माना जा रहा है कि इन भारतीय कंपनियों में जुलाई से स्पुतनिक-वी का उत्पादन शुरू भी हो जाएगा. इसी तरह अगले एक-दो महीने में स्पुतनिक-लाइट की सिंगल डोज भी भारत आने की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा जायडस-कैडिला की कोरोना वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है. कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है.

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