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कोरोना संकट में इन 5 ब्लूचिप शेयरों की जमकर हुई पिटाई, इस साल 75% साफ हुई निवेशकों की दौलत

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के चलते लॉर्जकैप शेयरों की इस साल जमकर पिटाई हुई.

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के चलते लॉर्जकैप शेयरों की इस साल जमकर पिटाई हुई.

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Sushil Tripathi
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कोरोना संकट में इन 5 ब्लूचिप शेयरों की जमकर हुई पिटाई, इस साल 75% साफ हुई निवेशकों की दौलत

COVID-19, Lockdown Impact on Stock Market, Largecap Stocks fallen up to 75% YTD, Sensex top losers, bluechip stocks falling, top losers of stock market कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के चलते लॉर्जकैप शेयरों की इस साल जमकर पिटाई हुई.

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के चलते शेयर बाजार की इस साल जमकर पिटाई हुई. इस साल की बात करें तो सेंसेक्स में 9927 अंकों यानी 24 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. वहीं निफ्टी भी 3014 अंक यानी 24.77 फीसदी टूट चुका है. बाजार की इस गिरावट में दिग्गज शेयरों को लेकर भी सेंटीमेंट बिगड़ गए. दिग्गज शेयरों के इंडेक्स सेंसेक्स 30 की बात करें तो इस साल 30 में से 25 शेयर इस साल लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. सिर्फ 5 शेयरों में ही बढ़त रही है. इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, ओएनजीसी, एसबीआई और एक्सिस बैंक सबसे ज्यादा पिटने वाले लॉर्जकैप हैं, जहां इस साल 75 फीसदी तक गिरावट आ चुकी है.

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इंडसइंड बैंक

YTD रिटर्न: -74.64%

शेयर में गिरावट: 1127.10 रुपये

करंट प्राइस: 382.90 रुपये

52 हफ्तों का हाई: 1834.40 रुपये

इंडसइंड बैंक में यस बैंक संकट के बाद से डिपॉजिट ग्रोथ को लेकर चिंता बनी रही है. गवर्नमेंट से जुड़े अकाउंट में डिपॉजिट में करीब  75 फीसदी तक कमी आई है. छोटे ग्राहकों और कॉरपोरेट ने भी पूंजी निकाली. पिछले दिनों बैंक ने जानकारी दी कि कुल डिपॉजिट करीब 11 फीसदी तक कम हुआ. डिपॉजिट ग्रोथ को लेकर चिंता इतनी बढ़ गई कि बैंक के होलसेल अकाउंट से कई प्रीमेच्योर निकासी भी देखने को मिली. वहीं, कोरोना वायरस की वजह से भी इंडसइंड बैंक के शेयरों की जमकर पिटाई हुई है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि रिटेल में स्टेबल ट्रेंड दिख रहा है. व्हीकल फाइनेंस पोर्टफोलियो भी मजबूत है. 70 फीसदी तो दोबार आने वाले कस्टमर हैं. ब्रोकरेज के अनुसार निचले स्तरों से शेयर में अच्छा बाउंस बैक देखने को मिलेगा.

बजाज फाइनेंस

YTD रिटर्न: -53.33%

शेयर में गिरावट: 2258.50 रुपये

करंट प्राइस: 1976.25 रुपये

52 हफ्तों का हाई: 4923.40 रुपये

कोरोना संकट में लॉकडाउन की मार बजाज फाइनेंस पर भी पड़ी है. बजाज फाइनेंस कंज्येूमर सेक्टर में फाइनेंस करने वाली पॉपुलर कंपनी है. लेकिन लॉकडाउन में टीवी, फ्रीज, एसी जैसे प्रोडक्ट की मांग जीरो रह गई है, जिससे कंपनी के बिजनेस पर असर पड़ा है. नया लोन ना के बराबर है, वहीं लॉकडाउन की वजह से रीपेमेंट में भी देरी हो रही है. हालांकि बजाज फाइनेंस ने लोन की ईएमआई पर 3 महीने की राहत के लिए ब्लैंकेट आफरिंग की जगह कंडीशनल मोरेटोरियम आफर किया है. रेगुलेटर डिफाल्टर को यह सुविधा नहीं मिलेगी. वहीं ईएमआई न चुकाने पर इंटरेस्ट अगली ईएमआई में जुड़ने से भी कंपनी को राहत मिलेगी. बजाज फाइनेंस के पास कस्टमर बेस और नेटवर्किंग मजबूत है. करेक्शन के बाद अब हॉयर वैल्युएशन की भी चिंता नहीं है. ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने शेयर के लिए 3570 रुपये का लक्ष्य रखा है.

ONGC

YTD रिटर्न: -47.52%

शेयर में गिरावट: 61.20 रुपये

करंट प्राइस: 67.60 रुपये

52 हफ्तों का हाई: 178.90 रुपये

कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरी दुनिया में लॉकडाउन की स्थिति है. इससे कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आई है. इस साल अबतक ब्रेंट क्रूड में 60 फीसदी तक गिरावट आई तो पिछले हफ्ते अमेरिकी क्रूड माइनस में चला गया. इससे ओएनजीसी के शेयरों में इस साल भारी गिरावट देखने को मिली है.

एक्सिस बैंक

YTD रिटर्न: -46.43%

शेयर में गिरावट: 350.15 रुपये

करंट प्राइस: 403.95 रुपये

52 हफ्तों का हाई: 827.75 रुपये

देश में लॉकडाउन का खामियाजा एक्सिस बैंक को भी भुगतना पड़ा है. लॉकडा न के चलते बैंक का एनपीए बढ़ने का डर है. एसेट क्ववालिटी बिगड़ने के डर से शेयर में बिकवाली देखने को मिली है. सिर्फ मार्च की बात करें तो शेयर में करीब 59 फीसी गिरावट आई थी.

SBI

YTD रिटर्न: -46.14%

शेयर में गिरावट: 154 रुपये

करंट प्राइस: 179.75 रुपये

52 हफ्तों का हाई: 373.80 रुपये

कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर निगेटिव इंपैक्ट हो रहा है. घरेलू और ग्लोबल एजेंसियां भारत की जीडीपी में बड़ी गिरावट की बात कह रही हैं. अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता के डर से बैंकिंग शेयरों में इस साल भारी गिरावट रही, जिससे एसबीआई की भी जमकर पिटाई हुई है.

(नोट: यह शेयर में निवेश की सलाह नहीं है. यह जानकारी शेयर के प्रदर्शन और ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर दी गई है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह लें.)
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