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कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से देशभर के व्यापारिक समुदाय के लिए एक आर्थिक पैकेज की मांग की है. कैट ने कहा कि अब देश के व्यापारी और अधिक इंतजार नहीं कर सकते. समय आ गया है, जब सरकार को व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा तुरंत करनी चाहिए. देशभर में व्यापारी वर्ग कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
कैट ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था के अन्य वर्गों के लिए कई पैकेजों की घोषणा की है, लेकिन व्यापारिक समुदाय जिसे अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है, उसकी हालत बेहद खस्ता हो गई है. कैट ने यह भी कहा कि अगर व्यापारियों को पर्याप्त पैकेज नहीं दिया जाता है, तो देश में घरेलू व्यापार काफी हद तक बर्बाद हो सकता है. देश में कृषि के बाद खुदरा व्यापार सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, इस क्षेत्र को राहत प्रदान करना बहुत आवश्यक है.
मौजूदा संकट व्यापारियों के लिए अकाल जैसा
कैट ने आगे कहा कि जब देश में अकाल पड़ता है, तब हमेशा सरकार ने किसानों को पैकेज दिया है. कोरोना देश भर के व्यापारियों के लिए एक अकाल ही है, जिसको देखते हुए सरकार को व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज तुरंत देना चाहिए. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यह संतोष की बात है कि कोरोना महामारी के इस विकट समय में देशभर के लगभग 45 लाख व्यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावी ढंग से बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पूरे देश में किसी भी सामग्री की कोई कमी कहीं नहीं हुई. व्यापारियों ने अपने जीवन को जोखिम में डाला और भारत के नागरिकों की सेवा की है.
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नहीं मिला पैकेज तो कई ट्रेडर्स हो जाएंगे दिवालिया
उन्होंने कहा कि अगर व्यापारियों को कोई पैकेज नहीं दिया जाता है, तो भारत में खुदरा व्यापार व्यवसाय अपने सबसे बुरे दिन देखेगा और बड़ी संभावनाएं इस बात की हैं कि देशभर में बड़ी संख्या में व्यापारी खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. व्यापारियों को उम्मीद थी कि सरकार द्वारा 14 अप्रैल के आसपास पैकेज दिया जाएगा, लेकिन लगभग 14 और दिन बीत चुके हैं और अब तक पैकेज के बारे में कोई संकेत नहीं है, जो व्यापारियों को चिंतित कर रहा है. व्यापारी अपने भविष्य को लेकर बेहद आशंकित हैं.