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कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कैपिटल मार्केट में कोहराम मचा दिया है.
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COVID-19 Impact on Investors Wealth: कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कैपिटल मार्केट में कोहराम मचा दिया है. इक्विटी बाजारों में तो कोहराम मचा ही है, बांड और कमोडिटी मार्केट का भीर बुरा हाल है. दुनियाभर की करंसी में गिरावट है, वहीं सेफ हैवन माने जाने वाले सोने में भी निवेशक मुनाफा वसूली करने में लगे हैं. बची कसर क्रूड पूरी कर रहा है. ब्रेंट क्रूड में भारी गिरावट ने भी बाजार सेंटीमेंट धड़ाम हो गया है. घरेलू शेयर बाजार की बात करें तो जानकारों का कहना है कि यह सामान्य गिरावट नहीं है और ऐसा करेक्शनपहले कभी नहीं देखने को मिला. फिलहाल अगर सिर्फ मार्च महीने की बात करें तो सेंसेक्स 12500 अंकों से ज्यादा टूट चुका है. इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 39 लाख करोड़ से ज्यादा की कमी आ चुकी है.
मार्च में रोज 3 लाख करोड़ का नुकसान
अगर 28 फरवरी की बात करें तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 1.46 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था. वहीं, 19 मार्च 2020 को सुबह 10:30 बजे तक यह घटकर 1.07 लाख करोड़ रुपये रह गया. यानी मार्च के 13 कारोबारी दिनों में इसमें करीब 39 लाख करोउ़ की कमी आई. इस लिहाज से अगर रोज का औसत देखें तो यह 3 लाख करोड़ निवेशकों को मार्च महीने में रोज 3 लाख करोड़ की चपत मार्केट की गिरावट की साफ हो गए.
किस दिन कितना मार्केट ​कैप
2 मार्च 1,45,80,863.90 करोड़
3 मार्च 1,48,19,366.75 करोड़
4 मार्च 1,47,04,461.76 करोड़
5 मार्च 1,47,59,908.91 करोड़
6 मार्च 1,44,31,224.41 करोड़
9 मार्च 1,37,46,946.76 करोड़
11 मार्च 1,37,13,558.72 करोड़
12 मार्च 1,25,70,652.63 करोड़
13 मार्च 1,29,26,242.82 करोड़
16 मार्च 1,21,63,952.59 करोड़
17 मार्च 1,19,52,066.11 करोड़
18 मार्च 1,13,53,329.30 करोड़
19 मार्च 1,07,05,929.47 करोड़ (खबर लिखे जाने तक)
मार्केट में गिरावट की प्रमुख वजह
कोरोना वायरस
कोरोना वायरस के मामले लगातार दुसरे देशों में फैल रहे हैं. चीन में भले ही अब मामले कंट्रोल में हैं, दूसरे देशों में मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. अभी इसका प्रभाव 170 देशों में हैं. इसके कुल मरीजों की संख्या 2.08 लाख हो गई है. वहीं इससे होने वाले डेथ के आंकड़े बढ़कर 8272 हो गए हैं. इटली में एक दिन में 400 से ज्यादा मौतें हुई हैं. इससे दुनियाभर में इंडस्ट्रियल एक्विटी सुस्त पड़ गई है. पहले से ही दुनिया स्लोडाउन के खतरे में थी, अब परेशानी और बढ़ गई है.
दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली
कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर की अर्थव्यस्थाओं पर मंदी का खतरा बन गया है. ट्रेड एक्टिविटी सुस्त पड़ गई है, जिससे निवेशकों में डर बन गया है. इसके चलते अमेरिकी, एशियाई और यूरोपीय बाजारों में जमकर बिकवाली देखने को मिल रही है. डाउ जोंस का प्रदर्शन 1987 के बाद से सबसे बुरा रहा है. एसजीएक्स निफ्टी और शंघाई कंपोजिट भी लगातार कमजोर हुए हैं.
ब्रेंट क्रूड में भारी गिरावट
ओपेक देशों और नॉन ओपेक देशों के बीच क्रूड प्रोडक्शन कट पर सहमति न बनने के बाद से प्राइस वासर छिड़ गया है. सउदी अरब में क्रूड की कीमतों में कटौती करते हुए आगे प्रोडक्शन बढ़ाने की बात कही. जिसके बाद क्रूड में 1991 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट आई. फिलहाल क्रूड इस साल अब तक करीब 60 फीसदी सस्ता होकर 25 डॉलर प्रति बैरल के सतर पर आ गया है. क्रूड मार्केट के इस तरह से अस्थिर होने से सेंटीमेंट खराब हुए.
ग्लोबल ग्रोथ में गिरावट की आशंका
इस महीने कई ग्लोबल एजेंसियों ने ग्लोबल ग्रोथ का अनुमान कम करते हुए संभावित मंदी की बात कही है. बुधवार को ही एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच ग्लोबल इकोनॉमी बड़ी मंदी के दौर में प्रवेश कर रही है. इसके चलते चीन, भारत और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर बड़ा असर पड़ेगा. एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2020 में चीन, भारत और जापान में 2020 में होने वाले विकास के अनुमान को कम करके 2.9 फीसदी, 5.2 फीसदी और -1.2 फीसदी कर दिया है. यह पहले 4.8 फीसदी, 5.7 फीसदी और -0.4 फीसदी था.