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आरआईएल के अलग अलग डिवीजन में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में 10 से 50 फीसदी तक कटौती होगी.
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COVID-19 Impact on RIL Business/ RIL Salary Cut: मार्केट कैप के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने तिमाही नतीजों के पहले बड़ा फैसला किया है. आरआईएल के अलग अलग डिवीजन में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में 10 से 50 फीसदी तक कटौती होगी. रिलायंस के हाइड्रोकार्बन बिजनेस में काम करने वाले कर्मचारी जिनकी सैलरी 15 लाख सालाना से ज्यादा है, उनकी सैलरी में 10 फीसदी की कटौती होगी. वहीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, एग्जीक्युटिव डायरेक्टर और सीनियर लीडर्स के कम्पेनसेशन में 30-50 फीसदी तक की कटौती होगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कॉम्पेंसेशन नहीं लेने का फैसला किया है.
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देश में 40 दिनों का लॉकडाउन है. दुनियाभर के तमामा देशों में भी यही स्थिति है. ऐसे में आरआईएल के रिफाइनिंग कारोबार पर असर पड़ा है. कंपनी का जीआरएम घटने का अनुमान है. इसी तरह से रिटेल कारोबार पर भी असर हुआ है. ऐसे में आरआईएल के मुनाफे पर दबाव बढ़ा है. इसके चलते मैनेजमेंट ने यह फैसला लिया है.
किस लेवल पर कितनी कटौती
न्यूज एजेंसी के मुताबिक आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपनी पूरी सैलरी नहीं लेंगे. बता दें कि मुकेश अंबानी की फिलहाल सालाना सैलरी 15 करोड़ रुपए है और लगातार 11 साल तक उनकी सैलरी नहीं बढ़ी है. वहीं, सीनियर अधिकारियों के कॉम्पेनसेशन में में 30-50 फीसदी की बड़ी कटौती हो सकती है. इसके अलावा परफॉर्मेंस आधारित बोनस को भी फिलहाल टाल दिया गया है. वहीं, जिनकी सैलरी 15 लाख से कम है, उनके वेतन से कटौती नहीं होगी. लेकिन जिनकी 15 लाख से ज्यादा है, उन्हें 10 फीसदी सैलरी कट का सामना करना पड़ेगा. दरअसल लॉकडाउन के कारण पेट्रोलियम की डिमांड काफी घट गई है, जिसके कारण हाइड्रोकार्बन बिजनस का रेवेन्यू काफी घट गया है.
2008-09 के बाद नहीं बढ़ी है मुकेश अंबानी की सैलरी
मुकेश अंबानी अपना पूरा कॉम्पेनसेशन नहीं लेंगे. फिलहाल उनकी सालाना सैलरी 15 करोड़ रुपए है और 2008-09 के बाद से उन्होंने कोई इंक्रीमेंट नहीं लिया है. इसी 15 करोड़ में उनका भत्ता भी शामिल है जो 4.45 करोड़ रुपए है. जबकि सैलरी में ही 9.53 करोड़ रुपए कमीशन है.
कैश और बोनस से जुड़े इंसेंटिव भी होंगे प्रभावित
सालाना कैश बोनस और प्रदर्शन से जुड़े इंसेंटिव पर भी इस फैसले का असर होगा. आमतौर पर बोनस और अन्य इंसेंटिव पहली तिमाही में दिए जाते हैं. पर अब इसे कुछ समय के लिए टाला जा सकता है या फिर कट किया जा सकता है.