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Mutual Fund SIP: निवेशकों के पास कनफ्यूजन यह है कि वे अपनी एसआईपी जारी रखें या होल्ड कर दें.
Mutual Fund SIP: निवेशकों के पास कनफ्यूजन यह है कि वे अपनी एसआईपी जारी रखें या होल्ड कर दें.Mutual Fund Investment Strategy: कोरोना वायरस का कहर सिर्फ इक्विटी बाजारों पर ही नहीं, इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम पर भी पड़ा है. इस साल अब तक जहां शेयर बाजार करीब 30 फीसदी तक टूट गए है, इक्विटी सेग्मेंट में अलग अलग कटेगिरी के इंडेक्स में भी 20 से 38 फीसदी तक की गिरावट आई है. रिटर्न चार्ट पर ज्यादातर स्कीमों का रिटर्न इन 3 साल में निगेटिव दिख रहा है. लॉर्जकैप फंड हों या मल्टी कैप या मिडकैप सभी की हालत खराब है. बैंकिंग और एनर्जी सेक्टर से जुड़ें फंडों में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. इंटरनेशनल फंड भी धड़ाम हो चुके हैं. अब निवेशकों के पास कनफ्यूजन यह है कि उन्हें अपनी मौजूदा SIP जारी रखनी खहिए, कम कर देनी चाहिए या होल्ड कर देनी चाहिए.
गहराई मंदी की चिंता
एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना महामारी का जाल दुनिया में पहले से भी तेज बढ़ रहा है. अब इसका प्रमुख सेंटर चीन से हटकर दुनिया की सबसे ताकतवर इकोनॉमी अमेरिका हो गया है. यूरोप इस बीमारी से पूरी तरह पस्त हो चुका है. ऐसे में दुनियाभर में आर्थिक मंदी की तस्वीर बेहद साफ दिख रही है. इसी वजह से राहत पैकेज और रेट कट के बाद भी बाजार को आर्थिक ग्रोथ की चिंता बनी हुई है. जब तक यह चिंता दूर नहीं होगी, बाजार का स्थिर होना मुश्किल लग रहा है.
म्यूचुअल फंड निवेशक का साफ हो रहा है पैसा
सैमको सिक्युरिटीज के हेड-रैंक म्यूचुअल फंड, ओमकेश्वर सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस संकट के चलते म्यूचुअल फंड बाजार की दशा खराब दिख रही है. निवेशक अपना पैसा लगातार गंवा रहे हैं. पिछले एक माह में करीब 20 म्यूचुअल फंड कटेगिरी जिनमें सेक्टर फंड, लॉर्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, मल्टीकैप, वैल्यू ओरिएंटेड, हाइब्रिड और मल्टी एसेट अलोकेशन फंड हैं, बड़ी गिरावट आई है. उनका कहना है कि कोविद -19 के प्रकोप से निपटने के प्रयास में, एएमएफआई उन बम्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को 3 महीने का एक्सटेंशन देगा, जहां एआरएन अभी रिन्यू के लिए ड्यू हैं.
सबसे ताकतवार इकोनॉमी कोरोना का नया सेंटर
BPN फिनकैप कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ व डायरेक्टर अमित निगम का कहना है कि कोरोना संकट को देखते हुए गुरूवार को सरकार ने 1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया. शुक्रवार को आरबीआई द्वारा ऐतिहासिक रेट कट किया गया. उसके बाद भी शुक्रवार को सेंसेक्स 100 अंकों से ज्यादा टूटकर बंद हुआ. असल में बाजार को अब चिंता इस बात की है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर कैसे आएगी. जब तक यह चिंता दूर नहीं होती बाजार के बारे में कुछ अनुमान नहीं लगाया जा सका है. जिस तरह से कोरोना महामारी का प्रमुख सेंटर अब दुनिया की सबसे ताकतवर इकोनॉमी अमेरिका हो गया है, मंदी की आशंका और बढ़ रही है. यूरोप इस बीमारी से पूरी तरह पस्त हो चुका है. ऐसे में दुनियाभर में आर्थिक मंदी की तस्वीर बेहद साफ दिख रही है.
निवेशक कम से कम 3 माह इंतजार करें
इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह बाजार अभी हाई वोलैटिलिटी का शिकार बना रह सकता है. यह अभी 'W' शेप में है, जहां उतार चढ़ाव तेज है. ऐसे में एसआईपी निवेशकों को यह सलाह देना कि वे एसआईपी टॉप अप करा लें या पहले की तरह जारी रखें, जायज नहीं लग रहा है. बेहतर तरीका यह है कि कम से कम 3 महीने के लिए अपने म्यूचुअल फंड हाउस से बात कर इसे 'Pause' कर दें. ऐसा लगता है कि 3 महीने बाद कोरोना के संकट का असर कम होगा. उसके बाद इसे पहले की तरह फिर जारी कर दें.
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