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कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है. दुनियाभर में स्टोरेज कैपेसिटी भर जाने के चलते नई इनवेंट्री के लिए स्टोरेज का संकट पैदा हो गया है.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है. दुनियाभर में स्टोरेज कैपेसिटी भर जाने के चलते नई इनवेंट्री के लिए स्टोरेज का संकट पैदा हो गया है.कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है. दुनियाभर में स्टोरेज कैपेसिटी भर जाने के चलते नई इनवेंट्री के लिए स्टोरेज का संकट पैदा हो गया है. वहीं कोरोना संकट में पहले से लॉकडाउन के चलते क्रूड के मांग में भारी गिरावट है. फिलहाल मंगलवार को WTI क्रूड ऑयल का वायदा भाव 16 फीसदी गिरकर 10.80 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. वहीं ब्रेंट भी 20 डॉलर के आस पास ट्रेड कर रहा है. ब्रेंट क्रूड में इस साल करीब 69 फीसदी गिरावट आ चुकी है. इस बीच भारतीय मूल के ब्रिटिश कारोबारी और हिंदुजा ग्रुप के को चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा ने कहा है कि कोरोना संकट के बाद ब्रेंट क्रूड फिर 40 से 50 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा होगा.
अर्थव्यवस्था में रिकवरी आने तक क्रूड सस्ता
CNBC में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुजा ग्रुप के को चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा ने कहा है कि जब तक दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत नहीं मिलते क्रूड की कीमतें निचले सतरों पर ही बनी रहेंगी. एक बार कोरोना संकट स्टेबल होने लगेगा, क्रूड में फिर तेजी आएगी. कोरोना संकट के बाद क्रूड फिर 40 से 50 डॉलर तक महंगा हो सकता है. बता दें कि कोरोना वायरस ने तकरीबन पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया और इससे 30 लाख से ज्यादा लोग दुनियाभर में प्रभावित हैं.
हिंदुजा ब्रदर्स ब्रिटेन के अमीरों में शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक गोपीचंद हिंदुजा ने कहा कि जबतक लॉकडाउन की स्थिति है, कंजम्पशन नहीं होने की वजह से क्रूड में तेजी नहीं आने वाली. लॉकडाउन खुलने के बाद जब कारोबारी गतिविधियां पटरी पर आएंगी, तब क्रूड की मांग बढ़ेगी. उनका कहना है कि सउदी अरब और रूस के बीच प्रोडक्शन कट पर सहमति न बनने के बाद से क्रूड में बड़ी गिरावट शुरू हुई. वहीं कोरोना महामारी ने मामला और खराब कर दिया. बता दें कि हिंदुजा ग्रुप का कई क्षेत्र में कारोबार है. मसलन स्पेशिएलिटी केमिकल, बैंकिंग व फाइनेंस. गोपीचंद हिंदुजा और उनके भाई श्रीचंद हिंदुजा ब्रिटेन के सबसे अमीर कारोबारियों में शामिल हैं.
प्रोडक्शन कट से भी नहीं थमी गिरावट
पिछले दिनों पेट्रोलियम निर्यातक देशों के समूह ओपेक और रूस सहित इसके अन्य सहयोगी देश एक मई से करीब एक करोड़ बैरल तेल प्रति दिन की रिकॉर्ड उत्पादन कटौती पर सहमत हुए हैं. लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि यह कटौती खपत में आई कमी को भरने के लिए पर्याप्त नहीं होगी. क्रूड अभी ओवरफ्लो की सिथति में है. कोरोना वायरस के चलते दुनिया में कच्चे तेल की मांग में करीब तीन करोड़ बैरल प्रति दिन की कमी हुई है.
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