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Crude Oil Price: क्रूड में लगी आग! नवंबर में 20 साल की तीसरी सबसे बड़ी तेजी, आप पर क्या हो सकते हैं असर

Crude Oil Price in November 2020: क्रूड की कीमतों में जोरदार तेजी आई है. नवंबर महीना इस मामले में रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है.

Crude Oil Price in November 2020: क्रूड की कीमतों में जोरदार तेजी आई है. नवंबर महीना इस मामले में रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है.

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Sushil Tripathi
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Crude Prices in November 2020: क्रूड की कीमतों में जोरदार तेजी आई है. नवंबर महीना इस मामले में रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है.

Crude Oil Rate in November 2020: इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों में जोरदार तेजी आई है. नवंबर महीना इस मामले में रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है. इस दौरान क्रूड की कीमतों में 2 दशक की तीसरी सबसे बड़ी तेजी आई है. नवंबर में ब्रेंट क्रूड जहां 23 फीसदी महंगा हुआ है, वहीं WTI क्रूड में करीब 26 फीसदी की तेजी आई है. पिछले 20 साल में इसके पहले 2 ही बार इससे ज्यादा मंथली गेन रहा है. लॉकडाउन हटने के साथ साथ अब दुनियाभर में अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है. जिससे क्रूड की डिमांड भी अचानक से बढ़ी है. कोरोना वैक्सीन के भी जल्द बाजार में आने की उम्मीद में क्रूड की खपत तेज हुई है. एक्सपर्ट का मानना है कि क्रूड में यह तेजी जारी रहेगी. शाूर्ट टर्म में ही क्रूड 50 डॉलर के पार चला जाएगा.

ब्रेंट क्रूड नवंबर में करीब 23 फीसदी महंगा हुआ है. इस दौरान क्रूड के भाव 38 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 47.59 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुए. नवंबर में क्रूड 48 डॉलर का भी भाव पार कर चुका है. हालांकि इस साल अबतक की बात करें तो जनवरी के भाव से क्रूड अभी भी 22.47 फीसदी कमजोर है. जबकि पिछले एक साल की बात करें तो यह अभी भी करीब 17.5 फीसदी डिस्काउंट पर है.

क्रूड की बढ़ी है डिमांड

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इस साल क्रूड में गिरावट की सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी के चलते डिमांड में कमी थी. लेकिन अब धीरे धीरे दुनियाभर में डिमांड सुधर रही है. लॉकडाउन खुलने के साथ अर्थव्यवस्था भी खुल रही है. वहीं अब कोरोना वेक्सीन को लेकर बाजार की उम्मीदें बढ़ी हैं, जिससे पेंडिंग पड़े आर्डर भी तेज हुए हैं. इससे अचानक क्रूड की इंटरनेशनल डिमांड बढ़ गई है. दूसरी ओर ओपेक और सहयोगी देश क्रूड की कीमतों को नीचे जाने से बचाने के लिए प्रोडक्शन कट जैसे उपाय कर रहे हैं. क्रूड की डिमांड बढ़ने का एक और कारण यह है कि इकोनॉमी खुलने के साथ अब एक देश से दूसरे देश में ट्रैवल कंडीशन में भी सुधार आ रहा है. ऐसे ही आगे भी डिमांड बनी रही तो क्रूड में और तेजी आ सकती है.

कंज्यूमर्स पर क्या होगा असर

क्रूड का भाव पिछले एक महीने से लगातार बए़ रहा है. क्रूड उंचे भाव पर बना रहा तो भारत को क्रूड खरीदने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना होगा. इससे इंडियन बास्केट में भी क्रूड महंगा होगा. जिससे पेट्रोल और डीजल के भाव और बढ़ेंगे. भारत में पेट्रोल और डीजल के भाव पहले से ही उंचे बने हुए हैं. देश के कई हिस्से में पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से सीधे ट्रांसपोर्टेशन पर असर आता है. इसका खर्च ज्यादा होता है, जिससे जरूरी कमेडिटी की कीमतों में तेजी आती है. जो कंननियां अपने प्रोडक्ट बनाने में क्रूड का इस्तेमाल रॉ मटेरियल के रूप में करती हैं, उनके प्रोडक्ट के दाम बढ़ेंगे. मसलन पेंट कंपनियां, टायर कंपनियां. बता दें कि भारत अपनी जरूरतों का करीब 80 फीसदी क्रूड का आयात करता है.

क्रूड में तेजी के आसार

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि क्रूड में शॉर्ट टर्म में तेजी दिख रही है. हालांकि जिस तरह से अमेरिका में रिग्स काउंट बढ़ रहे हैं और लीबिया समेत कुछ देश्या प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं, शॉर्ट टर्म में यह तेजी एक लिमिट में रहने वाली है. फिल​हाल क्रूड जल्द 50 से 52 डॉलर प्रति बैराल तक आ सकता है. हालांकि बैंक आफ अमेरिका (BofA) का मानना है कि क्रूड के लिए मार्केट कंडीशन सुधर रहे हैं. 2021 में क्रूड 60 डॉलर तक भी पहुंच सकता है.

Crude Prices Brent Crude