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काउंसिल ने क्रिप्टोकरेंसीज को करेंसी की बजाय एसेट के रूप में इस्तेमाल किए जाने की वकालत की है. (Image- Reuters)
Crypto Ban: शीतकालीन सत्र में बिटक्वाइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग सकता है. इसे लेकर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की इकाई ब्लॉकचेन व क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) का कहना है कि भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नॉन-स्टेट प्लेयर्स को प्रोत्साहन मिलेगा और इस बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी करेंसीज के गैरकानूनी प्रयोग में तेजी आएगी. हाल ही में पीएम मोदी (PM Modi) ने सभी लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसीज पर साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया था और इसे गलत हाथों में न पड़ने देने को सुनिश्चित करने को कहा था. पीएम मोदी के मुताबिक गलत हाथों में पड़ने पर यह युवाओं को बर्बाद कर सकता है. आईएएमएआई ने पूर्ण प्रतिबंध की बजाय इसे एसेट के रूप में मान्यता देने का सुझाव दिया है.
सरकार की चिंता सही लेकिन पूर्ण बैन भी समाधान नहीं
आईएएमएआई ने अपने बयान में कहा कि वह क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पीएम मोदी की चिंता और सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा इस पर दाखिल दृष्टिकोण को लेकर सहमत है. हालांकि आईएएमएआई का यह भी मानना है कि इस पर पूर्ण प्रतिबंध भी उचित नहीं है और यह खुदरा निवेशकों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर सकता है. पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले इसके गलत हाथों में पड़ने पर युवाओं के बर्बाद होने की चिंता जाहिर की थी तो केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले इसे लेकर सुप्रीमकोर्ट में अपना दृष्टिकोण दाखिल किया था. इसके मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई नियमन नहीं है और इसके स्रोत को ट्रेस नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा यह टैक्स चोरी का अहम जरिया बन सकता है.
करेंसी की बजाय एसेट के रूप में मान्यता की पैरवी
काउंसिल ने अपने बयान में कहा कि वह हमेशा से देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में इस्तेमाल करने के पक्ष में नहीं रही है क्योंकि इससे मॉनीटरी पॉलिसी और राजकोषीय नियंत्रण को लेकर समस्या हो सकती है. इसके विपरीत काउंसिल ने क्रिप्टोकरेंसीज को एसेट के रूप में इस्तेमाल किए जाने की वकालत की है और उसका मानना है कि बेहतर तरीके से क्रिप्टो एसेट्स कारोबार को रेगुलेट करने पर निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकेगी. इसके अलावा इससे भारतीय खरीदारों और बेचने वालों पर नजर रखी जा सकेगी और टैक्स सिस्टम में भी आसानी होगी. इसके अलावा इससे क्रिप्टो के गैरकानूनी प्रयोग पर रोक लगेगी. काउंसिल के मुताबिक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज निगरानी रखने के लिए बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं.