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Image: Reuters
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टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) ने रविवार को कहा कि वह टाटा समूह में लौटकर कोई पद लेने के इच्छुक नहीं हैं. उन्होंने देर शाम जारी एक बयान में कहा कि वह टाटा समूह के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय ले रहे हैं. टाटा समूह के हित उनके या किसी भी अन्य व्यक्ति के हितों से ऊपर हैं और अधिक महत्वपूर्ण हैं.
मिस्त्री ने यह बयान ऐसे समय जारी किया है, जब सुप्रीम कोर्ट टाटा समूह के साथ उनके विवाद पर सुनवाई करने वाला है. मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन और समूह की कंपनियों के निदेशक मंडलों से साल 2016 में निकाल दिया गया था. राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने हाल ही में मिस्त्री को पुन: इन पदों पर नियुक्त करने का फैसला सुनाया था. NCLAT के फैसले को टाटा संस व समूह की कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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निदेशक मंडल में जगह बनाने की रहेगी कोशिश
मिस्त्री ने कहा, ‘‘जारी दुष्प्रचार को खत्म करते हुए मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनसीएलएटी का निर्णय मेरे पक्ष में आने के बाद भी मैं टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन व टीसीएस, टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक का पद नहीं संभालना चाहता हूं. हालांकि, मैं अल्पांश शेयरधारक के नाते अपने अधिकारों की रक्षा करने और निदेशक मंडल में स्थान पाने के लिए सभी विकल्पों के साथ पुरजोर कोशिश करूंगा.’’