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Adani Group की कंपनियों पर भारी-भरकम कर्ज को लेकर एसएंडपी का मानना है कि इसका रेटिंग पर निगेटिव असर दिख सकता है. (Image- Reuters)
देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी (Gautam Adani) के स्वामित्व वाले अडाणी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियां अधिग्रहण के जरिए तेजी से विस्तार कर रही हैं. इनका फंडामेंटल बहुत मजबूत हैं लेकिन कर्ज के जरिए कंपनियों के अधिग्रहण के चलते इसकी रेटिंग पर निगेटिव असर दिख सकता है. वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P ने आज गुरुवार 25 अगस्त एक वेबिनार में अडाणी ग्रुप की कंपनियों की रेटिंग को लेकर ये बातें कही. एसएंडपी ने ये बातें अडाणी ग्रुप के भारी कर्ज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही.
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फंडामेंटल मजबूत लेकिर अधिग्रहण से बढ़ी दिक्कत
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर (इंफ्रा रेटिंग्स) अभिषेक डांगरा का कहना है कि अडाणी ग्रुप की रेटेड कंपनियों जैसे कि अडाणी पोर्ट्स की बात करें तो इसका बिजनेस फंडामेंटल बहुत मजबूत है. पोर्ट बिजनेस हेल्दी कैश फ्लो जेनेरेट कर रहा है. ऐसे में अडाणी पोर्ट्स के सामने सबसे अधिक रिस्क अधिग्रहण को लेकर है. इसने कुछ ऐसे अधिग्रहण किए हैं जिसके लिए फंडिंग कर्ज से हुई है. डांगरा के मुताबिक जिस तेजी से अडाणी ग्रुप की कंपनियां अधिग्रहण कर रही हैं, वह आगे भी जारी रही तो इसकी रेटिंग्स पर दबाव दिख सकता है. डांगरा के मुताबिक अभी के रिस्क को मैनेज किया जा सकता है, अगर ग्रुप अपने ग्रोथ एंबीशन या फंडिंग को मैनेज करता है. डांगरा ने कहा कि अडाणी ग्रुप कई सेग्मेंट में आगे बढ़ रहा है जिसमें से सीमेंट, डेटा, वेयरहाउसिंग और एयरपोर्ट्स अनरेटेड हैं.
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कमोडिटीज ट्रेडर से शुरुआत कर अब कई सेक्टर में अडाणी ग्रुप
वर्ष 1988 में कमोडिटीज ट्रेडर से शुरुआत करते हुए अडाणी ग्रुप अब माइन्स, पोर्ट्स, पॉवर प्लांट्स, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर और डिफेंस सेक्टर में है. हाल ही में इसने 1050 करोड़ डॉलर में होल्सिम की भारतीय इकाई का अधिग्रहण कर सीमेंट सेक्टर में प्रवेश किया और एलुमिनियम फैक्ट्री भी सेट अप करने की तैयारी कर रही है. इसमें से अधिकतर विस्तार के लिए पैसे कर्ज के जरिए आए हैं.
Adani Group के भारी कर्ज पर क्रेडिट एजेंसी ने जताई चिंता, निवेश स्ट्रैटजी पर भी उठाए सवाल
कुछ दिनों पहले फिच ग्रुप की एक इकाई क्रेडिटसाइट्स ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर भारी कर्ज को लेकर चिंता जताई कि बुरी परिस्थितियों में यह कर्ज के जाल में फंस सकती है और दिवालिया भी हो सकती है. जिस दिन यह रिपोर्ट जारी हुई, उसी दिन अडाणी ग्रुप द्वारा एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष तरीके से 29.18 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण और अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी ओपन ऑफर के जरिए खरीदने की बात सामने आई.
(Input: PTI)