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लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी Delhivery के शेयरों की बाजार में सुस्त लिस्टिंग हुई है. (image: pixabay)
Delhivery IPO Listing Today: भारत की लॉजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी Delhivery के शेयरों की आज बाजार में सुस्त लिस्टिंग हुई है. IPO के तहत अपर प्राइस बैंड 487 रुपये था, जबकि बीएसई पर यह 493 रुपये पर लिस्ट हुआ है. यानी लिस्टिंग 1.23 फीसदी के हल्के प्रीमियम पर हुई है. हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर में तेजी आ गई और यह 544 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी आईपीओ में पैसे लगाने वाले निवेशकों को लिस्टिंग डे पर 12 फीसदी रिटर्न मिल चुका है. इश्यू का साइज 5235 करोड़ रुपये का था. सवाल उठता है कि वोलेटाइल मार्केट में ठीक ठाक रिटर्न मिलने के बाद निवेशकों को क्या करना चाहिए. बता दें कि इस इश्यू को निवेशकों का सुस्त रिस्पांस मिला था. निवेश को लेकर एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस की मिली जुली प्रतिक्रिया थी.
अब क्या करें निवेशक
Swastika Investmart Ltd. के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि Delhivery की लिस्टिंग इश्यू प्राइस से ज्यादा भाव पर हुई है. बाजार की वोलेटिलिटी और कंपनह के लॉस मेकिंग नेचर के चलते लिस्टिंग पर असर पड़ा है. हालांकि एग्जीक्यूशन के मोर्चे पर कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है. इंडियन लॉजिस्टिंग सेक्टर में आगे ग्रोथ की संभावनाएं बहुत ज्यादा है, ऐसे में कंपनी का भी लॉन्ग टर्म ग्रोथ प्रास्पेक्ट बेहतर नजर आ रहा है. अगर आपने इसमें अबतक पैसे नहीं लगाए हैं तो तबतक इंतजार करें जबतक कंपनी प्रॉफिटेबिलिटी के लिए कोई मजबूत स्ट्रैटेजी ले आती है. जिन्होंने लिस्टिंग गेंस के लिए पैसे लगाए हैं, वे 460 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाकर चलें.
निवेशकों का कैसा रहा था रिस्पांस
इश्यू का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (QIB) के लिए रिजर्व था और यह हिस्सा 2.66 गुना भरा. 10 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व था और इसे 0.57 गुना ही बोलियां मिलीं. 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था और यह 0.30 गुना भरा था. कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 0.27 गुना भरा. ओवरआल यह 1.63 गुना सब्सक्राइब हुआ था.
Delhivery IPO के बारे में
Delhivery के आईपीओ का साइज 5235 करोड़ रुपये का था. इसमें फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाने के अलावा OFS भी था. कंपनी ने आईपीओ के लिए 462-487 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया था. लॉट साइज 30 शेयरों का था, यानी कम से कम 14,610 रुपये का निवेश जरूरी था. कर्मचारियों के लिए 25 रुपये प्रति शेयर का डिस्काउंट दिया गया था.
कंपनी के फाइनेंशियल के बारे में
कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 में 1783.30 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था. वित्त वर्ष 2019-20 में 268.93 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020-21 में 415.75 करोड़ रुपये के नेट लॉस हुआ था. पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती नौ महीने में कंपनी को 891.14 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था.
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