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अप्रैल से जून 2022 के दौरान कंपनियों की अर्निंग में फ्लैट ग्रोथ रहने का अनुमान है. (image: pixabay)
Q1FY23 Earning Preview: अप्रैल से जून 2022 के दौरान कंपनियां अब अपने नतीजे जारी करने जा रही हैं. मार्च तिमाही में अर्निंग सुधरने के संकेत मिल रहे थे, लेकिन दुनियाभर में कई दशक के टॉप पर पहुंच चुकी महंगाई ने अर्निंग आउटलुक कमजोर किया है. ब्रोकरेज हाउस या एक्सपर्ट का भी मानना है कि तिमाही बेसिस पर कंपनियों की ग्रोथ सुस्त रह सकती है, हालांकि सालाना आधार पर लो बेस के चलते टॉपलाइन ग्रोथ में उछाल देखने को मिलेगा. ब्रोकरेज का मानना है कि बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर इस अर्निंग सीजन में मजबूत ग्रोथ दिखा सकते हैं, लेकिन आईटी सेक्टर के मार्जिन पर दबाव रहने का अनुमान है.
ओवरआल टॉपलाइन ग्रोथ
ब्रोकरेज हाउस येस सिक्योरिटीज के मुताबिक Q1FY23 में ओवरआल टॉपलाइन ग्रोथ सालाना आधार पर 36 फीसदी रहने का अनुमान है. इनमें Reliance और ONGC जैसी कंपनियां लीड कर सकती हैं. जबकि आटोमोबाइल सेक्टर में भी लो डबनल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है. ब्रोकरेज का कहना है कि उसके द्वारा कवरेज में आने वाले 15 में से 12 सेकटर में ग्रोथ जून तिमाही में फ्लैट रह सकती है.
लगातार 3 तिमाहियों में कांट्रैक्शन देखने के बाद Oil & Gas स्पेस (OMCs को छोड़कर) में मजबूत मार्जिन एक्सपेंशन के चलते ऑपरेटिंग मार्जिन फ्लैट (सालाना आधार पर 15bps ऊपर) रहने का अनुमान है. वहीं लगातार 3 तिमाहियों में दबाव के बाद ऑटो सेक्टर में भी एक्सपेंशन दिखने की उम्मीद है. वहीं सीमेंट, फार्मा और आईटी सेक्टर के मार्जिन में सालाना आधार पर 9.4 फीसदी, 3.4 फीसदी और 2.3 फीसदी गिरावट का अनुमान है.
NBFC सेक्टर कर सकता है लीड
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का भी अनुमान है कि 1QFY23 के दौरान बैंकिंग सेक्टर के PAT में सालाना आधार पर 26 फीसदी ग्रोथ देखने को मिल सकती है. जबकि PPOP में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है. प्राइवेट/PSU बैंक के PAT में सालाना आधार पर 40 फीसदी और 6 फीसदी ग्रोथ देखने को मिल सकती है.
येस सिक्योरिटीज के मुताबिक फाइनेंशियल सेक्टर की बात करें तो PAT ग्रोथ सालाना आधार पर 48 फीसदी रह सकती है. इनमें NBFC कंपनियां लीड कर सकती हैं. बैंकों का नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी NII में सालाना आधार पर 16 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. क्रेडिट डिमांड मजबूत रहने का फायदा इस सेक्टर को मिलेगा. कम प्रोविजनिंग और हायर NII से कंपनियों के बैंकों के PAT में सालाना आधार पर 29 फीसदी का सुधार होने की उम्मीद है. NBFC और SFB में कोविड के बाद सबसे मजबूत ग्रोथ होने की उम्मीद है. दोनों के टॉपलाइन और बॉटम-लाइन में सालाना आधार पर 25 फीसदी और 145 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है.
टेक्नोलॉजी में दबाव का अनुमान
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक आईटी कंपनियों की बात करें तो उनके मार्जिन पर दबाव देखने को मिल सकता है. ब्रोकरेज का मानना आईटी सेक्टर में कवरेज कंपनियों के 1QFY23E के दौरान रेवेन्यू में यूएस डॉलर टर्म में सुस्त ग्रोथ (3.3% CC QoQ और 14.3% YoY) देखने को मिल सकती है. जबकि EBIT और PAT ग्रोथ तिमाही आधार पर -1 फीसदी और -2.8 फीसदी रह सकता है. इनमें सैलरी हाइक और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने के बावजूद सप्लाई साइड प्रेशर के चलते दबाव रहेगा.
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि डिमांड कमेंट्री में किसी भी तरह के मॉडरेशन पर नजर रहेगी. पहली तिमाही में रिटेल और मैन्युक्चरिंग जैसे सेक्टर में डिमांड कमजोर रहने के प्रभाव के शुरुआती संकेत मिल सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और सूरोप में बढ़ रही महंगाई और अर्थव्यवस्था में सुस्ती के अनुमान के चलते आईटी सेक्टर में वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही और FY24 में भी असर देखने को मिलेगा. ऐसे में ब्रोकरेज ने FY23/24 के लिए अपने EPS अनुमान में 2-5 फीसदी कटौती की है. हालांकि ब्रोकरेज का कहना है कि सेक्टर के लिए लॉन्ग टर्म डिमांड एन्वायरमेंट बेहतर है.
(Disclaimer: यहां अर्निंग को लेकर विचार ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)