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2021 में गोल्ड डिमांड बेहतर रहेगी.
Gold Demand in 2021: कोरोना महामारी (COVID19 Pandemic) के कारण पिछले साल 2020 में सोने की मांग प्रभावित हुई थी. हालांकि, इस साल इसमें तेजी आ सकती है क्योंकि कंज्यूमर सेंटिमेंट बेहतर होगा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में गोल्ड डिमांड को लेकर सकारात्मक उम्मीद जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 2020 में धनतेरस के मौके पर पर नवंबर में ज्वैलरी डिमांड औसत से कम था लेकिन उसमें वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में निचले स्तर की तुलना में रिकवरी रही.
'गोल्ड आउटलुक 2021- इकोनॉमिक रिकवरी एंड लो इंटेरेस्ट रेट्स सेट द टोन' नामक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक इकोनॉमिक ग्रोथ में उतनी तेजी नहीं नहीं रहेगी लेकिन पिछले साल अगस्त के मध्य से गोल्ड की कीमतें लगभग स्थाई रही हैं. इस वजह से कंज्यूमर्स के लिए खरीदारी का अवसर बढ़ेगा.
गोल्ड डिमांड के लिए बेहतर रहेगा 2021
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर (इंडिया) सोमासुंदरम पीआर के मुताबिक पिछले साल 2020 में बहुत अनिश्चितता रही थी. हालांकि कोरोना महामारी के दौर में हाई रिस्क, कम ब्याज दर और प्राइस मोमेंटम के चलते निवेशकों के लिए गोल्ड सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला एसेट्स साबित हुआ. हालांकि, उन्होंने कहा कि सभी करेंसीज के लाइफटाइम हाई प्राइसेज और दुनिया भर के कई प्रमुख देशों में लॉकडाउन के चलते कंज्यूमर डिमांड निचले स्तर पर चली गई थी.
सोमासुंदरम के मुताबिक 2021 में भारत में गोल्ड प्राइसेज और डिमांड दोनों के लिए बेहतर माहौल है. गोल्ड के भाव में 20 फीसदी की तेजी ने कंज्यूमर की उम्मीदें बढ़ा दी हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एमडी के मुताबिक लिक्विडिटी, कम ब्याज दर के चलते स्टॉक प्राइसेज में अधिक रिस्क और परिवार व सामाजिक अवसरों पर गोल्ड की खरीदारी की परंपरा से गोल्ड के डिमांड में बढ़ोतरी होगी.
गोल्ड प्रोडक्शन में कम होंगे अवरोध
पिछले साल अप्रैल-जून 2020 में गोल्ड प्रोडक्शन में कमी आई थी. हालांकि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 2021 में सप्लाई में अवरोध कम होंगे क्योंकि खनन में रिकवरी होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी से दुनिया उबर रही है, ऐसे में गोल्ड प्रोडक्शन में रुकावट कम आएगी. अगर कोरोना महामारी का असर बना रहा तो भी प्रमुख कंपनियां ने ऐसे प्रोटोकॉल्स और प्रोसीजर्स तैयार किए हैं जिससे इसके प्रोडक्शन में अवरोध कम आएंगे जिस तरह की परिस्थितियां पिछले साल बनीं थी.