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टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के बाद ही बेचे जा सकेंगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दूरसंचार विभाग ने जारी की प्रोडक्ट्स की सूची, देखें लिस्ट

दावा है कि आयातित उपकरणों में किसी भी तरह की सुरक्षा खामियों की जांच के लिए टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन को अनिवार्य किया गया है.

दावा है कि आयातित उपकरणों में किसी भी तरह की सुरक्षा खामियों की जांच के लिए टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन को अनिवार्य किया गया है.

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Quality stamp for electronics must; Dept of Telecommunications lists items for test

दूरसंचार विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को बेचने या इस्तेमाल करने से पहले टेस्टिंग जरूरी है.

अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को मान्यता प्राप्त लैब में टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के बाद ही देश में बेचा या इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस संबंध में दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक अधिसूचना जारी की है. इस अधिसूचना के तहत ऐसे टेलीकॉम प्रोडक्ट्स की लिस्ट जारी की गई है, जिन्हें देश में बेचे जाने से पहले अनिवार्य तौर पर उनका टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन जरूरी है. इन उत्पादों को एक जुलाई से किसी भी मान्यता प्राप्त लैब में टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के बाद ही देश में बेचा या आयात किया जा सकेगा.

इन प्रोडक्ट्स को किया गया है शामिल

दूरसंचार विभाग के मुताबिक इस लिस्ट में स्मार्ट वॉच, ट्रैकिंग डिवाइस, स्मार्ट कैमरा, स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी मीटर और टेलीकॉम नेटवर्क्स के लिए बेस टावर स्टेशन (BTS) समेत कई उत्पादों शामिल किया गया है. इन सभी उत्पादों को सरकार द्वारा इंडियन टेलीग्राफ रूल्स में संशोधन के बाद मैंडेटरी टेस्टिंग एंड सर्टिफिकेशन ऑफ टेलीकॉम इक्विपमेंट (MTCTE) के अनिवार्य टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के तीसरे चरण के तहत अधिसूचित किया गया है.

चौथे चरण में इन प्रोडक्ट्स को किया जाएगा शामिल

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इसके चौथे चरण में ऑप्टिकल फाइबर, पॉइंट ऑफ सेल (POS) डिवाइस, राउटर, ट्रांसमिशन इक्विपमेंट, सैटेलाइट कम्यूनिकेश इक्विपमेंट, लैन स्विच आदि जैसे प्रोडक्ट्स को शामिल किया जाएगा. इन प्रोडक्ट्स के लिए अनिवार्य टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन का काम अगले साल एक फरवरी से शुरू होगा.

सुरक्षा खामियों की जांच के लिए किया गया है अनिवार्य

आयातित उपकरणों में किसी भी तरह की सुरक्षा खामियों की जांच के लिए टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन को अनिवार्य किया गया है. हालांकि सरकार ने साल 2010 में ही दूरसंचार उपकरणों के अनिवार्य परीक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के कुछ नियमों और अन्य कारणों के चलते इसे लागू करने में देरी हुई. हालांकि साल 2017 में टेलीग्राफ एक्ट में संशोधन करते हुए इन दिक्कतों से पार पा लिया गया.

मान्यता प्राप्त लैब्स की संख्या में बढ़ोतरी

सप्लाई चैन में किसी भी तरह की दिक्कत से बचने के लिए देश में मान्यता प्राप्त लैब्स की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) और इंटरनेशनल लेबोरेटरी एक्रिडिएशन कॉरपोरेशन (ILAC) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को भी प्रोडक्ट्स के टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के लिए तैयार कर लिया गया है. टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (TEMA) ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम मेक इन इंडिया और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देगा, इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी में भी मदद करेगा.

(Article: Kiran Rathee)

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