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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर व CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है. यह एक्शन प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत लिया गया है. यह कार्रवाई ICICI Bank-Videocon केस में हुई है, जो कि साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन से जुड़ा है. इस मामले में यह पहली बड़ी गिरफ्तारी है. दरअसल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को ICICI बैंक की ओर से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था. यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने SBI के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था.
ईडी के मुताबिक, जांच से सामने आया कि जब चंदा कोचर ICICI बैंक से जुड़ी थीं, उस वक्त उनकी अध्यक्षता वाली एक कमेटी द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को सैंक्शन किए गए 300 करोड़ रुपये के लोन में से वीडियोकॉन ने 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रिन्युएबल्स प्राइवेट लिमिटेड को 8 सितंबर 2009 को ट्रान्सफर किए. ऐसा ICICI बैंक से लोन डिस्बर्स होने के दूसरे ही दिन किया गया.
न्यूपावर रिन्युएबल्स (NRPL, पुराना नाम न्यूपावर रिन्युएबल्स लिमिटेड) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी है, जिसे वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर खड़ा किया था. ईडी ने कहा था कि मिले हुए फंड से न्यूपावर रिन्युएबल्स ने आगे 10.65 करोड़ रुपये का शुद्ध रेवेन्यु जनरेट किया. आरोप है कि दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए. वीडियोकॉन को लोन देने में कथित हेराफेरी के मामले में चंदा कोचर को अक्टूबर 2018 में इस्तीफा देना पड़ा था.
जनवरी में 78 करोड़ रु की प्रॉपर्टी जब्त
ED ICICI बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिये गये ऋण मामले में हुई अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और कई अन्य के खिलाफ जांच कर रहा है. कुछ दिन पहले ही धूत, चंदा कोचर और उनके पति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था. ED ने इस साल जनवरी में चंदा कोचर और उनके परिवार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 78 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की थी. इसमें कोचर का मुंबई स्थित फ्लैट और उनके पति की कुछ प्रॉपर्टीज शामिल थीं.